शिमला में लैंड रिकॉर्ड की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू, CM Jairam ने किया शुभारंभ

punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2019 - 03:51 PM (IST)

शिमला (योगराज): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला सचिवालय में डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली का शुभारंभ किया। लैंड रिकॉर्ड के ऑनलाइन पंजीकरण का यह कार्यक्रम प्रायोगिक आधार पर सर्वप्रथम शिमला (शहरी) और शिमला जिला की कुमारसैन तहसील में शुरू किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया से राज्य में शीघ्र पंजीकरण के साथ ऑनलाइन मूल्यांकन और भुगतान की सुविधा शुरू होगी। उन्होंने कहा कि इस पायलेट प्रोजैक्ट की सफलता के उपरांत इसे पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नागरिकों को ऑनलाइन पंजीकरण, स्टाम्प ड्यूटी और ई-मेल अलर्ट की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इसके द्वारा राजस्व रिकॉर्डों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ रोकने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली भूमि मालिकों के हित में राजस्व रिकॉर्ड के प्रभावी रखरखाव में सहायक सिद्ध होगी। भूमि से जुड़े विवादों को प्रभावी तरीके से निपटाने और राजस्व संबंधी मुकद्दमों में कमी लाने में भी यह प्रणाली मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि नकली स्टाम्प पेपर को रोकने के लिए एनजीडीआरएस सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि पंजीकृत दस्तावेज की प्रतिलिपि स्कैनिंग तकनीक के द्वारा सुरक्षित रखी जाएगी और डाऊनलोड किए गए दस्तावेज को अधिकृत उपयोगकर्ता द्वारा प्रमाणित प्रतिलिपि उत्पन्न कर देखा जा सकता है। इसके द्वारा भूमि मालिकों और खरीददारों को ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने की भी सुविधा प्राप्त होगी।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस परियोजना को लागू करने वाला देश का 7वां राज्य है। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वन नेशन वन सॉफ्टवेयर’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़े हैं। इस अवसर पर उन्होंने पहली कम्प्यूट्रीकृत भूमि पंजीकरण की प्रति भूमि मालिक राकेश कुमार और मीना को प्रदान की। वहीं इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (भारत सरकार) के सचिव अजय प्रकाश सावहनी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि एनजीडीआरएस एक यूनिफॉर्म सॉफ्टवेयर है, जिसका उपयोग उपभोक्ताओं के लाभ के लिए पूरे देश में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिलॉक की सुविधा भी प्रदान की जा रही है ताकि उपभोक्ता अपने जरूरी दस्तावेजों को इसमें सुरक्षित रख सकें।

इस अवसर पर प्रधान सचिव राजस्व ओंकर चन्द शर्मा ने मुख्यमंत्री व अन्य का स्वागत करते हुए इस पायलट प्रोजैक्ट की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। संयुक्त निदेशक भूमि रिकॉर्ड विभाग हुकम सिंह मीणा और राज्य सूचना अधिकारी एनआईसी अजय सिंह चाहल ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर निदेशक भूमि रिकॉर्ड एवं पंजीकरण महानिरीक्षक देवासिंह नेगी ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vijay

Recommended News

Related News