CM जयराम बोले-प्रशासनिक ट्रिब्यूनल नहीं होगा बहाल, फैसला जनभावनाओं के अनुरूप

Wednesday, Jul 24, 2019 - 10:35 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के निर्णय पर अडिग है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया है, जिसे अब बदलना संभव नहीं है। उन्होंने यह बात ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कही। प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के प्रधान योगेश चंदेल, पूर्व प्रधान आदर्श, वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप रत्न और कुलभूषण शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल ने किया निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से ट्रिब्यूनल को बंद न करने का आग्रह किया ताकि कर्मचारियों को सस्ता न्याय मिल सके। उन्होंने सरकार से अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके इस फैसले को पटलने से इंकार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि लंबी चर्चा के बाद सरकार ने ट्रिब्यूनल को बंद करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश मंत्रिमंडल ने लंबी चर्चा के बाद प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने का निर्णय लिया था।

निर्णय से पहले ट्रिब्यूनल में जारी थी 2 सदस्यों के चयन की प्रक्रिया

सरकार के निर्णय से पहले राज्य में 18 अपै्रल, 2017 तथा 14 अपै्रल, 2018 को 2 सदस्यों (प्रशासन) का कार्यकाल पूरा होने के बाद हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में वर्तमान में अध्यक्ष बैंच और एक न्यायिक सदस्य बैंच सेवाएं दे रहे थे। इतना ही नहीं, ट्रिब्यूनल में 2 सदस्यों के चयन की प्रक्रिया का क्रम जारी था, जिसके लिए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी के अलावा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वी.सी. फारका व तरुण श्रीधर के अलावा सेवानिवृत्त मुख्य सचिव विनीत चौधरी और अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नंदा सहित अन्य सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों ने आवेदन किए थे।

Vijay