CM जयराम की अधिकारियों को दो टूक, जारी किए कड़े निर्देश

Tuesday, Jan 16, 2018 - 11:26 AM (IST)

शिमला: सीएम जयराम ठाकुर ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर बिना किसी उचित कारणों से कार्य में देरी होती है तो संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। मुख्यमंत्री विभाग को नए घोषित 62 एन.एच. की डी.पी.आर. के लिए 31 मार्च, 2018 तक कंसल्टैंट तैनात करने के निर्देश दिए हैं। अब तक केंद्र ने 43 एन.एच. के लिएकंसल्टैंट को मंजूरी दी है। पी.डब्ल्यू.डी. अधिकारियों की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि समय पर डी.पी.आर. बनने से प्रदेशवासियों को एन.एच. का फायदा होगा। वर्तमान में 4,400 किलोमीटर कुल लंबाई के 69 उच्च राष्ट्रीय मार्ग घोषित किए गए हैं।


इनमें 62 राज्य सरकार के अधीन, एक सीमा सड़क संगठन, 2 हिमाचल सड़क एवं अन्य अधोसंरचना विकास निगम तथा 3 एन.एच. एवं अधोसंरचना विकास निगम के अधीन हैं। एक राष्ट्रीय मार्ग संयुक्त रूप से हिमाचल सरकार व अन्य एजैंसी के अधीन है। इस दौरान पी.डब्ल्यू.डी. ने मुख्यमंत्री को 100 दिन के टारगेट की सूची सौंपी। मुख्यमंत्री ने निर्धारित टारगेट को समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सड़कों के निर्माण में क्वालिटी का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार क्वालिटी को लेकर समझौता नहीं करेगी। इसके लिए दोषी ठेकेदार, विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि बिना किसी उचित कारणों से कार्य में देरी होती है तो भी संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।  


जमीनी स्तर पर देखना चाहता हूं काम : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वह जमीनी स्तर पर कार्य देखना चाहते हैं। प्रदेश के लोगों की पी.डब्ल्यू.डी. से जो आशाएं हैं, उन्हें धरातल पर लाना होगा। उन्होंने विभाग को सड़क सुविधाओं से महरूम पंचायतों को रोड कनैक्टीविटी के लिए रोड मैप तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में कितने किलोमीटर लंबी सड़कों व पुलों का निर्माण किया जाना है, इसकी योजना पहले ही तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की निगरानी करना अति आवश्यक है और उनकी इच्छा है कि संबंधित अधिकारी कार्य का नियमित रूप से अनुश्रवण सुनिश्चित बनाएं।