पंचायत चुनावों के बीच कांगड़ा में सीएम, सियासी हलचल तेज

Friday, Jan 08, 2021 - 11:18 AM (IST)

धर्मशाला (तनुज सैणी) : प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में होने वाले पंचायत चुनावों सहित 2 नगर निगमों में मार्च माह में प्रस्तावित चुनावों के बीच मुख्यमंत्री व शहरी विकास मंत्री के शुक्रवार को धर्मशाला में होने से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री जिला में कोविड-19 तथा पौंग झील में फैले बर्ड फ्लू के मामलों की समीक्षा को लेकर पहुंच रहे हैं जबकि शहरी विकास मंत्री स्मार्ट सिटी की बैठक के आयोजन को लेकर धर्मशाला में शुक्रवार को पहुंचेंगे। लेकिन राजनीतिक गलियारों में दोनों दिग्गजों के एक साथ पहुंचने धर्मशाला में होने के चलते चर्चाओं का माहौल भी गर्मा गया है। मुख्यमंत्री व शहरी विकास मंत्री के धर्मशाला प्रवास में पंचायत चुनाव ही नहीं बल्कि मार्च माह में प्रस्तावित नगर-निगम चुनावों को लेकर अपने उम्मीदवारों को विजय दिलाने के लिए पार्टी पदाधिकारियों के साथ मंत्रणा की भी पूरी संभावना है।

धर्मशाला तथा नई बनी पालमपुर नगर निगम का गढ़ विजयी करने को पहले ही पार्टी के दिग्गज नेताओं को कमान सौंपी जा चुकी है। जिसके तहत पार्टी के आदेशों के चलते नेताओं की बैठकों को दौर शुरु हो चुका है। सत्ता में रहते हुए धर्मशाला नगर निगम में भाजपा समर्थित पार्षदों की जीत सुनिश्चित करवाना पार्टी के लिए अहम है। वहीं, नगर परिषद से नगर निगम बनी पालमपुर में पार्टी समर्थक उम्मीदवारों की जीत से लेकर हॉट सीट पर भी भाजपा पार्टी समर्थित को ही बैठाने को लेकर पूरा जोर लगा रही है। उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनावों में भाजपा व कांग्रेस की ओर से अपने-अपने दलों से समर्थित प्रत्याशियों को उतारा गया है। वहीं जिला परिषद पर पहले ही भाजपा 40 सीटों पर दावा जता चुकी है, साथ ही नगर निकाय चुनावों में भी पार्टी का दम भाजपा नेता भर रहे हैं। वहीं, पिछले माह स्कूल शिक्षा बोर्ड के कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने धर्मशाला जल्द आने की बात कही थी। इस कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री ने चुनावों के चलते ही आने की बात कही थी। ऐसे में अब शुक्रवार को सी.एम. के धर्मशाला दौरे को भी इससे जोड़ा जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री धर्मशाला पहुंचने के बाद कोरोना तथा बर्ड फ्लू मामलों को लेकर समीक्षा बैठक में भाग लेंगे तथा उनका रात्रि विश्राम भी धर्मशाला में ही होगा।

कांगड़ा से ही तय होती है सत्ता

हिमाचल के सबसे बड़े जिला कांगड़ा को दोनों ही पार्टियां हल्के में नहीं लेती हैं। जिला कांगड़ा से ही राजनीतिक पार्टियों की सत्ता की डगर तय होती है। ऐसे में पंचायत चुनावों में पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की किस तरह कांगड़ा जिला में जीत सुनिश्चित की जाए, इसको लेकर जीत का मंत्र भी सीएम द्वारा नेताओं को दिया जाएगा। इन चुनावों से ही विधानसभा-2022 की भी तैयारियां शुरू होंगी। चुनावों में पार्टी समर्थित उम्मीदवारों की जीत-हार भी नेताओं के लिए काफी मायने रखती है। इन चुनावों के रिजल्ट के गुणा-भाग से ही आगामी रूपरेखा को तैयार किया जाएगा।
 

prashant sharma