नगर परिषद ने मेडिकल कॉलेज को बेच दिए गरीब परिवारों के आशियाने, जानिए वजह

Wednesday, Oct 30, 2019 - 01:10 PM (IST)

शिमला: गरीबों के आशियानों पर कुछ दिन बाद हमीरपुर मेडिकल कॉलेज का कब्जा होने वाला है। दरअसल शहरी एवं विकास विभाग ने गरीबों के लिए बनाए मकान प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को बेच दिए हैं। नगर परिषद गरीब परिवारों का चयन नहीं कर पाई है। बता दें कि केंद्र ने इंटिग्रेडिट हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत हमीरपुर जिले के लिए बजट उपलब्ध करवाया था। खास बात यह थी कि हमीरपुर में कुल 152 फ्लैट का निर्माण होना था। लेकिन उनके पास इतनी जमीन नहीं थी कि वह फ्लैट का निर्माण करवा सके। इस भूमि पर सिर्फ 72 फ्लैट का ही निर्माण हो पाया। बताया जा रहा है कि हिमुडा के तहत बने फ्लैट का निर्माण कार्य साल 2010 में शुरू हुआ था। इस पर 4.43 करोड़ खर्च किए गए हैं। 2012 में इसे बनाने का कार्य पूरा हो गया।  

मेडिकल कॉलेज को बेच दिए गरीब परिवारों के आशियाने

करीब पांच कनाल भूमि पर बने ये फ्लैट शहर के गरीब परिवारों को दिए जाने थे, लेकिन नगर परिषद इन गरीब परिवारों का चयन नहीं कर पाई। अब उन्होंने आशियाने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पौने चार करोड़ रुपए में बेच दिए हैं। इतना ही नहीं यह फ्लैट यहां पर भी बेकार ही पड़े रहेंगे। चूंकि, मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण नादौन विस क्षेत्र के गांव जोलसप्पड़ में होगा। इसमें शिफ्ट होने के बाद यह फ्लैट बेकार हो जाएंगे। डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर के संयुक्त निदेशक राकेश शर्मा ने माना कि मेडिकल कॉलेज ने शहरी विकास विभाग से ये फ्लैट पौने चार करोड़ रुपए में खरीदे हैं। इनके आवंटन से पूर्व एक कमेटी गठित की गई है, जो इन भवनों में लगे इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों की जांच करेगी। इसके बाद इन्हें स्टाफ को आवंटित किया जाएगा।

Ekta