विधानसभा के बाहर गरजी सीटू, श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर जताया विरोध

Tuesday, Sep 15, 2020 - 03:54 PM (IST)

शिमला (योगराज): श्रम कानूनों में किए गए बदलाव और प्रदेश सरकार द्वारा मजदूरों के लिए लाए गए 5 अध्यादेश के खिलाफ सीटू ने हिमाचल विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। विक्ट्री टनल से शुरू हुई रैली विधानसभा चौक पहुंची जहां पर जनसभा को सीटू राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम, सुरेश राठौर, बालक राम, सुरेंद्र बिट्टू, दलीप, मदन, विरेन्द्र लाल, बलबीर पराशर, चन्द्रकान्त वर्मा, अनिल ठाकुर, दर्शन लाल, राकेश सलमान, सीता राम व चुनी लाल आदि ने सम्बोधित किया। इस दौरान डीसी शिमला के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया व अध्यादेशों को वापस लेने की मांग की गई।

सीटू ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर इन अध्यादेशों को वापस न लिया तो मजदूर सड़कों पर उतरेंगे और 23 सितम्बर को एक बार फिर से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। सीटू का कहना है कि कोरोना काल मे करोड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है और सरकार मजदूरों को राहत देने की बजाय बोझ डालने के काम कर रही है।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने केंद्र्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि वे मजदूर विरोधी कदमों से हाथ पीछे खींचे अन्यथा मजदूर आंदोलन तेज होगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कारखाना अधिनियम 1948 में तब्दीली करके काम के घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 कर दिया है। इससे एक तरफ एक तिहाई मजदूरों की भारी छंटनी होगी, वहीं दूसरी ओर कार्यरत मजदूरों का शोषण तेज होगा। फैक्टरी की पूरी परिभाषा बदलकर लगभग 2 तिहाई मजदूरों को 14 श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है। उद्योगपतियों द्वारा कानूनों की अवहेलना करने पर उनका चालान नहीं होगा व उन्हें खुली छूट दी जाएगी। मजदूरों को ओवरटाइम के लिए बाध्य करने से बंधुआ मजदूरी की स्थिति पैदा होगी।

उन्होंने मजदूर विरोधी कदमों व श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलावों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि अगर पूंजीपतियों व उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाकर मजदूरों के शोषण के कदमों को रोका न गया तो मजदूर सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध करेंगे।

Vijay