ठियोग में हुआ छिंज मेले का आयोजन, पहलवानों ने किया लोगों का मनोरंजन

Monday, Oct 14, 2019 - 11:09 AM (IST)

ठियोग (सुरेश) : मेले आपसी भाईचारा, प्रेम, सौहार्द को बढ़ाते हुए हमारी पारंपरिक संस्कृति को कायम रखते हैं और मेलों के अवसर पर लोग अपने हर काम को छोड़कर मेलों में शरीक होते हैं। ठियोग के चियोग में भी लगभग एक शताब्दी से भी अधिक समय से तलाई में छिंज मेले का आयोजन किया जाता है। बुजुर्गों के समय से मनाए जा रहे इस मेले को माँ देशु के पर्व के तौर पर मनाया जाता है। इस साल मौसम की बेरुखी से ये मेला अपने समय से देरी से मनाया गया।

इस अवसर पर एडवेंचर रिसॉर्ट न्यू कुफरी के चेयरमैन बलदेब ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की ओर उन्होंने इस मेले के लिए 1 लाख की सहायता राशि प्रदान की।मेले में स्थानीय युवक ने अपने दांतों से भरा हुआ सिलेंडर उठाकर लोगों की खूब वाहवाही लूटी उसके बाद मिट्टी को चूमते प्रदेश सहित दूसरे प्रदेशों के पहलवानो ने कुश्ती के जौहर दिखाए। मेले को देखने के लिये 15 हजार से अधिक लोगों ने हाजिरी भरी इस दौरान पहलवानो ने अपने दांव पेंच से एक दूसरे पर बखूबी करतब दिखाए।

मेले के आकर्षण के केंद्र रही इस कुश्ती में फाइनल मुकाबला गामा पंजाब और विकास सोनीपत के बीच हुआ जिसमें हरियाणा के सोनीपत से विकास ने 1 लाख की माली पर कब्जा कर लिया वन्ही पंजाब के गामा पहलवान ने दूसरे स्थान पर 51 हजार की राशि जीती। वन्ही हिमाचली केसरी के नाम से हिमाचल के पहलवानो के लिए आयोजित प्रतियोगिता में सोलन के हरीश ने मुकाबला जीत लिया जन्हें 25 हजार की राशि पर्दशन की गई।

मेले की जानकारी देते हुए मेला कमेटी के प्रधान गीताराम वर्मा ने कहा कि ये मेला सौ साल से भी ज्यादा वर्षों से मनाया जाता है।और इस मेले को मां देशु के पर्व के तौर पर मनाया जाता है।ओर इस मेले को देखने के लिए उतर भारत के सभी प्रदेशो से लोग आते है।उन्होंने कहा कि बारिश के कारण ये मेला अपने तय समय पर नही हो पाया जिसके चलते इस मेले की कुश्ती में विदेशी खिलाड़ी नही आ पाए।उन्होंने कहा कि इस मेले में लोग हज़ारों की संख्या में आते है जिसे आपसी भाईचारे को बढ़ावा मिलता है। आपको बता दें कि चियोग में हर साल छिंज मेले के अवसर पर लोग मां देशु का आशीर्वाद लेते है और कुश्ती का खेल लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहता है जिसको देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते है।

 

 

Edited By

Simpy Khanna