Job Selection के एग्जाम पैटर्न में बदलाव, 15 अंक ने बढ़ाई बेरोजगारों की सिरदर्दी

Thursday, Jan 10, 2019 - 08:19 PM (IST)

शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार युवा सरकार द्वारा जॉब के सिलैक्शन पैटर्न में किए गए बदलाव को लेकर खासे गुस्से में हैं। बेरोजगार युवाओं ने लिखित परीक्षा के बाद 15 अंक की पर्सनल असैसमैंट को गलत करार देते हुए कहा कि इन 15 अंक का फायदा मैरिटोरियस स्टूडैंट्स को नहीं मिल पा रहा है। 15 अंक के चयन की प्रक्रिया में बेहद खामियां हैं, जिन्हें बेरोजगार युवाओं ने सरकार से दूर करने की मांग की है। युवाओं का तर्क है कि 15 अंक प्राप्त करने के लिए बेरोजगार युवाओं से कई तरह के डॉक्यूमैंट्स लिए जाते हैं, जिन्हें पूरा करने में ज्यादातर बेरोजगार युवा सफल नहीं हो पाते। इस वजह से लिखित परीक्षा में अच्छे माक्र्स होने के बावजूद भी मैरिटोरियस स्टूडैंट्स नौकरी से वंचित हो रहे हैं। हाल ही में हुई हिमाचल पब्लिक सर्विस कमीशन और स्टाफ सिलैक्शन कमीशन हमीरपुर के माध्यम से भर्तियों में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें मैरिट मेंं आने के बावजूद पर्सनल असैसमैंट में माक्र्स हासिल न कर पाने से युवा नौकरी से बाहर हुए हैं।

15 प्रतिशत में तबदील हो जाते हैं 15 अंक

युवाओं ने बताया कि एलाइड सर्विसेज के एग्जाम में यह 15 अंक 15 प्रतिशत में तबदील हो जाते हैं, जिससे रिटन एग्जाम में सबसे कम स्कोर करने वाला छात्र भी सबसे टॉप में पहुंच जाता है और जो रिटन में टॉपर होता है वह एग्जाम से बाहर हो जाता है क्योंकि एलाइड का एग्जाम 500 माक्र्स का होता है, जिसमें फाइनल सिलैक्शन के दौरान 15 प्रतिशत माक्र्स डॉक्यूमैंट्स वेटेज के आधार पर दिए जाते हैं, जिन्हें सभी युवा पूरा नहीं कर पाते। युवाओं ने सरकार और कर्मचारी चयन आयोग से मांग की है कि 15 प्रतिशत अंक के इस एग्जाम पैटर्न को सरकार बंद करे और लिखित परीक्षा की मैरिट के आधार पर भर्तियां करे।

मैरिट के आधार पर भर्तियां करे सरकार

बेरोजगारों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों को मैरिट के आधार पर भरने का फैसला लिया है तो हिमाचल सरकार ने एग्जाम पैटर्न में 15 प्रतिशत अंक की शर्त क्यों लगाई है। बेरोजगार युवाओं ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में भी लिखित की मैरिट के आधार पर रिक्त पड़े पदों में भर्तियां हों, जिससे मेहनती और मैरिटोरियस युवा को रोजगार मिल सके और चयन प्रक्रिया में भी पारदर्शिता बनी रहे।

Vijay