24 घंटे बाद चंडीगढ़-मनाली NH हुआ बहाल, खतरा अब भी बरकरार

punjabkesari.in Thursday, Nov 22, 2018 - 06:32 PM (IST)

मंडी: चंडीगढ़-मनाली एन.एच. 24 घंटे के बाद यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है लेकिन बनाला के पास भू-स्खलन के बाद खतरा अभी टला नहीं है। यहां फोरलेन निर्माण के लिए की गई अवैज्ञानिक कटिंग से यह स्थल बेहद संवेदनशील हो गया है। पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं जिससे कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। बनाला के पास शनि मंदिर के ऊपर ही नाऊ के नीचे से पहाड़ी लगातार दरक रही है, जिससे मलबा नीचे खिसक रहा है और जंगल के दर्जनों पेड़ इसकी चपेट में आने शुरू हो गए हैं।
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पहाड़ी दरकी तो नींद से जागा प्रशासन

पहले यहां सुविधानुसार फोरलेन निर्माण में लगी कंपनियों ने अपनी बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर कटिंग शुरू कर दी लेकिन जब पथरीला पहाड़ निकला तो उसे काटने से छोड़ दिया और किनारों में कटिंग जारी रखी, जिससे बरसात में ही यहां 8 से 10 बार एन.एच. बार-बार मलबा गिरने से यातायात के लिए बंद करना पड़ा और फोरलेन निर्माण में लगी कंपनी ने काम रोक दिया लेकिन अब यहां जब पूरी पहाड़ी दरकने लगी तो प्रशासन नींद से जागा और फोरलेन निर्माण में लगी कंपनियों को मलबा हटाकर एन.एच. बहाली के निर्देश दे दिए तथा स्वयं अधिकारी यहां मौके पर तैनात रहे, जिससे चंडीगढ़-मनाली एन.एच. 24 घंटे के बाद यातायात के लिए बहाल किया जा सका।
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पहले चट्टान तोड़ने का कार्य किया शुरू

वाया कटौला मार्ग पर भी लोग रातभर जाम से जूझते रहे लेकिन अब यातायात बहाल हो जाने से लोगों व पर्यटकों ने राहत की सांस ली। बता दें कि बनाला के पास भू-स्खलन के कारण पहाड़ी से जो मलबा गिरा है उसे हटाना कंपनियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है क्योंकि मलबा हटाने के साथ मार्ग बहाल रखना भी एक बड़ा चुनौती है, ऐसे में प्रशासन को भी यह मुश्किल हो गया है क्योंकि इसके ऊपर एक बहुत बड़ी चट्टान है। अगर हाईवे पर गिरे मलबे को हटाया गया तो फिर चट्टान खिसकने से तबाही मच सकती है, ऐसे में कोई रिस्क न लेते हुए पहले चट्टान को तोड़ने का काम शुरू किया गया है।


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Vijay

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