छात्रवृत्ति घोटाले में CBI ने दर्ज की FIR, 25 से अधिक नामजद

Wednesday, May 08, 2019 - 10:47 PM (IST)

शिमला: हिमाचल में सामने आए 250 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सी.बी.आई. ने एफ.आई.आर. दर्ज कर ली है। यह एफ.आई.आर. सी.बी.आई. के शिमला स्थित थाने में दर्ज हुई है। सूत्रों के अनुसार एफ.आई.आर. में 25 से अधिक लोगों को नामजद किया गया है। सी.बी.आई. की इस कार्रवाई से कइयों की धुकधुकी बढ़ गई है। मामला दर्ज करने के बाद जांच एजैंसी छानबीन को आगे बढ़ाते हुए अब विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर रिकॉर्ड कब्जे में लेने के साथ ही पूछताछ और गिरफ्तारी का दौर शुरू करेगी।

निजी संस्थानों में बांट डाला 80 प्रतिशत बजट

शिक्षा विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया था कि कई निजी शिक्षण संस्थानों ने फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धनराशि का गबन किया है। साल 2013-14 से लेकर साल 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई। 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ  निजी संस्थानों में बांटा गया, जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला। सूत्रों के अनुसार जांच एजैंसी ने आई.पी.सी. की धारा 409, 419, 465, 466 व 471 के तहत मामला दर्ज किया है।

कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी जांच के दायरे में

शिक्षा विभाग की प्रारंभिक जांच में घोटाले के तथ्य मिलने पर शहर के छोटा शिमला पुलिस स्टेशन में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई थी। इसके तहत पुलिस ने भी कई लोगों से पूछताछ की प्रक्रिया अमल में लाई। इसके बाद सरकार ने मामले की जांच सी.बी.आई. को सौंपने का निर्णय लिया। स्कॉलरशिप घोटाला देश के कई राज्यों में फैला होने के चलते सरकार ने यह निर्णय लिया था। कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी जांच के दायरे में हैं।

विभागीय जांच में खुलीं परतें

सूत्रोंके अनुसार विभागीय जांच में सामने आया है कि बीते 4 सालों में 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19,915 को 4 मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी गई। इसी तरह 360 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 4 ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। 5729 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है। छात्रवृत्ति आबंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा।

कई बड़े शिक्षण संस्थान जांच के दायरे में

छात्रवृत्ति घोटाले में कई बड़े नामी निजी शिक्षण संस्थान शामिल हैं। इनमें प्रदेश से ही नहीं बल्कि प्रदेश से बाहर के शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार सूबे के 26 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान जांच दायरे में आ सकते हैं।

 

Vijay