265 करोड़ के इस घोटाले में CBI ने तैयार की चार्जशीट, जानिए वजह

Tuesday, Sep 24, 2019 - 10:20 AM (IST)

शिमला (राक्टा): 265 करोड़ के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने पहली चार्जशीट तैयार कर ली है।  बता दें कि मामले की जांच के दायरे में 22 संस्थान हैं। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने जांच दायरे में आए ऊना के एक निजी शिक्षण संस्थान के खिलाफ चार्जशीट तैयार की है। सीबीआई की चार्जशीट में शिक्षा विभाग के अधिकारी और निजी संस्थान के कर्मचारियों को लपेटा गया है। सी.बी.आई. जांच में पता चला है कि इस संस्थान ने छात्रों के फर्जी दस्तावेज बनाकर छात्रवृति हड़पी।

आरोपियों की संख्या सात से आठ तक होगी। यह चार्जशीट अगले महीने कोर्ट में दाखिल की जाएगी। इससे पहले आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। आरोप है कि 22 निजी संस्थानों ने करीब दो लाख मेधावी विद्यार्थियों की 265 करोड़ की छात्रवृत्तियां डकारी हैं। एसआइटी की जांच से इसका खुलासा हुआ है। सीबीआइ जांच से पता चला है कि पंडोगा में निजी शिक्षण संस्थान ने 48 विद्यार्थियों की जाति बदल दी थी। छात्रवृत्ति डकारने के लिए इनके मूल दस्तावेज के साथ फर्जीवाड़ा किया। इस खेल में शिक्षा विभाग से लेकर बैंक तक के अधिकारी संलिप्त रहे।

क्या है छात्रवृत्ति घोटाला

2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को 210.05 करोड़ रुपए और 18682 सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को मात्र 56.35 करोड़ रुपए छात्रवृत्ति के दिए गए थे। आरोप है कि कई संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार छात्रवृत्ति की मोटी रकम हड़प ली। जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई साल तक छात्रवृत्ति ही नहीं मिल पाई। ऐसे ही एक छात्र की शिकायत पर इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठा। शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए।  इनमें गड़बड़ी पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में हुई है। इस छात्रवृत्ति में कुल 260 करोड़ 31 लाख 31,715 रुपए दिए गए हैं। छात्रवृत्ति की जो राशि प्रदेश के विद्यार्थियों को मिलनी थी, उसे देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों में गलत तरीके से बांटे जाने का आरोप है।  

Ekta