छात्रवृत्ति घोटला : CBI ने पहली चार्जशीट में नामजद किए 6 चेहरे

Friday, Nov 29, 2019 - 10:14 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 250 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में तैयार की जा रही पहली चार्जशीट में करीब 6 लोगों को नामजद किया है। आगामी दिनों में यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। सूचना के अनुसार करोड़ों रु पए के घोटाले में कई चेहरों की संलिप्तता सीधे तौर पर उभर कर सामने आई है। जांच में पाया गया है कि निजी शिक्षण संस्थानों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और शिक्षा विभाग से जुड़े कुछ तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों ने आपसी मिलीभगत से सूबे में बड़े घोटाले को अंजाम दिया।

संदेह के घेरे में 4 तत्कालीन मुलाजिमों की कार्यप्रणाली

सूत्रों के अनुसार सीबीआई छानबीन में मिले तथ्यों के आधार पर जिला ऊना से जुड़े संस्थान के खिलाफ चार्जशीट तैयार की जा चुकी है। इसके तहत शिक्षा विभाग के करीब 4 तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ भी अभियोजन की मंजूरी मांगी गई है, ऐसे में अभियोजन की मंजूरी मिलते ही आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां भी संभव हैं। छात्रवृत्ति हड़पने के लिए विभिन्न स्तरों पर अनियमितताएं बरती गईं। छात्रों ने आवेदन पत्रों में जिन बैंक खातों का उल्लेख किया था, उनके स्थान पर दूसरे बैंक खातों में छात्रवृत्ति जमा की गई।

आबंटित सीटों से अधिक संख्या में दी गईं छात्रवृत्तियां

आरोप यह भी लग रहे हैं कि विभिन्न पाठ्यक्रमों के तहत आबंटित सीटों से अधिक संख्या में छात्रवृत्तियां दी गईं। इसके साथ ही कुछ स्थानों में प्रार्थना पत्रों की संख्या से अधिक संख्या में छात्रवृत्तियों का वितरण हुआ। आधार नंबर व मोबाइल नंबर के साथ ही छात्रों के दस्तावेजों का दुरु पयोग कर करोड़ों रु पए की छात्रवृत्ति हड़पने के आरोप कई संस्थानों पर लगे हैं। सूत्रों की मानें तो जांच एजैंसी ने शिक्षा विभाग, बैंक और निजी शिक्षण संस्थान से जुड़े कुछ लोगों के नाम चालान में नामजद किए हैं।

बैंक अधिकारियों ने खोले राज

जांच दायरे में आए बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार बैंक अधिकारियों के खुलासे पर ही बीते दिनों सीबीआई की टीम ने चंडीगढ़ स्थित 3 बैंकों में दबिश दी थी। टीम के वापस शिमला लौटने की सूचना है।

कमीशन के खेल में कई चेहरे होंगे बेनकाब

छात्रवृत्ति घोटाले में कमीशन का खेल चलता था। निजी शिक्षण संस्थान छात्रों की छात्रवृत्तियां हड़पने को लेकर कमीशन देते थे। ऐसे में जांच एजैंसी खंगाल रही है कि किस-किस तक कमीशन पहुंचती थी और कब से यह खेल चला हुआ था।

Vijay