बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की CBI जांच शुरू, दर्ज होगा केस

Thursday, Feb 28, 2019 - 10:05 PM (IST)

शिमला: करोड़ों रुपए के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) ने जांच शुरू कर दी है। इसके तहत जांच एजैंसी ने उपलब्ध करवाए गए रिकॉर्ड को खंगालना शुरू कर दिया है, ऐसे में जल्द ही सी.बी.आई. करोड़ों रु पए के घोटाले में केस दर्ज करेगी। सी.बी.आई. के प्रवक्ता आर.के. गौड़ ने माना है कि छात्रवृत्ति घोटाले में जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बता दें कि इस मामले में स्थानीय पुलिस भी जांच कर रही है। सरकार ने बीते वर्ष 210 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच सी.बी.आई. के सुपुर्द की थी।

कई राज्यों में फैला हुआ है छात्रवृत्ति घोटाला

छात्रवृत्ति घोटाला देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी इसमें शामिल हैं। शिक्षा विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि कई निजी शिक्षण संस्थानों ने फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धनराशि का गबन किया है। साल 2013-14 से लेकर साल 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई। जांच रिपोर्ट के अनुसार 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ  निजी संस्थानों में बांटा गया जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला।

4 मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में जारी की छात्रवृत्ति राशि

सूत्रों के अनुसार विभागीय जांच में सामने आया है कि बीते 4 साल में 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19,915 को 4 मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी गई। इसी तरह 360 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 4 ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। 5,729 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है। छात्रवृत्ति आबंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा।

कई बड़े शिक्षण संस्थान जांच के दायरे में

छात्रवृत्ति घोटाले में कई बड़े नामी निजी शिक्षण संस्थान शामिल हैं। इनमें प्रदेश से ही नहीं बल्कि प्रदेश से बाहर के शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार सूबे के 26 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान जांच दायरे में आ सकते हैं।

सी.एम. ने की थी जांच की घोषणा

छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ने इसकी सी.बी.आई. जांच करवानेकी बात कही थी। इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई राशि का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है। ऐसे में मामले के दायरे को देखते हुए सरकार ने सी.बी.आई. जांच करवाने का निर्णय लिया था।

Vijay