सैनिटाइजर खरीद मामले में विजीलैंस ने कसा शिकंजा, सरकारी ठेकेदार पर केस दर्ज

Thursday, May 14, 2020 - 12:21 AM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश सचिवालय से जुड़े सैनिटाइजर घोटाले में स्टेट विजीलैंस ने एक सरकारी ठेकेदार के खिलाफ  एफआईआर दर्ज की है। बीते दिन ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विजीलैंस को मामले की जांच के आदेश दिए थे। विजीलैंस ने सरकारी ठेेकेदार व आपूर्तिकर्ता मैसर्ज ललित कुमार के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत धोखाधड़ी व जालसाजी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि एमआरपी के लेबल को टैंपर करके महंगे दामों पर सैनिटाइजर की आपूर्ति की गई। इसके साथ ही आरोप यह भी लगा है कि बिना वैध लाइसैंस के ही सैनिटाइजर की आपूर्ति कर दी गई जबकि सैनिटाइजर की सप्लाई करने के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मैटिक्स एक्ट के तहत लाइसैंस होना आवश्यक है। राज्य सचिवालय से एडीजी विजीलैंस को रिपोर्ट मिलने के बाद ब्यूरो ने यह कार्रवाई अमल में लार्ई है।

खरीद से जुड़े दस्तावेज कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू

मामले की जांच ब्यूरो की विशेष इकाई द्वारा अमल में लाई जा रही है। इसके तहत विजीलैंस ने सचिवालय में हुई हैंड सैनिटाइजर, हैंडवॉश और अन्य सामग्री की खरीद से जुड़े दस्तावेज कब्जे में लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। बुधवार को भी जांच टीम ने सचिवालय पहुंचकर अहम रिकार्ड कब्जे में लिया है, ऐसे में अब जिन-जिन की संलिप्तता जांच के दौरान सामने आएगी, उनके नाम भी एफआईआर में नामजद किए जाएंगे, ऐसे में आगामी दिनों में कई चेहरों पर शिकंजा कस सकता है। एडीजी विजीलैंस ने मामला दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि एसआईयू मामले की जांच अमल में ला रही है।

बोतल पर अधिक दाम अंकित करने का आरोप

सूचना के अनुसार सचिवालय में करीब 3,000 सैनिटाइजर खरीदने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत सैनिटाइजर की प्रत्येक बोतल 50 रुपए के दाम से खरीदी जानी थी लेकिन उसे 130 रुपए में बेचने की कोशिश की गई। गाइडलाइन के अनुसार भी इसे 50 रुपए प्रति बोतल ही खरीदा जाना था। सैनिटाइजर की बोतल पर अधिक दाम भी अंकित करने के आरोप लगे हैं।

जवाबतलबी के साथ स्टाफ तबदील

सचिवालय प्रशासन के ध्यान में जब यह मामला आया तो इस संबंध में खरीद प्रक्रिया से जुड़े स्टाफ  के सदस्यों से जवाबतलबी की गई और उन्हें दूसरे स्थान पर तबदील किया गया है, साथ ही सचिवालय प्रशासन ने संबंधित फर्म की पेमैंट को रोक दिया है। हालांकि खरीद में पूरी पारदर्शिता बरतने के लिए खरीद प्रक्रिया में एक से अधिक पाॢटयों ने भाग लिया था और सबसे कम दाम पर सैनिटाइजर उपलब्ध करवाने वाले को ही इसका ऑर्डर दिया गया था।

Vijay