कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण स्तर तक प्रयास कर रही सरकार : वीरेंद्र कवर

Tuesday, Dec 24, 2019 - 08:48 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): नाबार्ड द्वारा प्रदेश में कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों के अन्तर्गत 25857.26 करोड़ के ऋण प्रवाह की संभाव्यता का आकलन किया गया है, जिसमें कृषि और सम्बन्धित क्षेत्र के लिए ऋण संभाव्यता 12756.53 करोड़ और मध्यम लघु सूक्षम उद्यम और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र हेतु ऋण संभाव्यता 13100.73 करोड़ है। यह जानकारी ग्रामीण विकास पंचायती राज पशु पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) द्वारा होटल होली डे होम में आयोजित स्टेट क्रैडिट सैमीनार के उद्घाटन के उपरान्त दी।

उन्होंने कहा कि राइजिंग हिमाचल के तहत पर्यटन के क्षेत्र में कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किया जाएगा ताकि प्रदेश में पर्यटन का ग्रामीण स्तर तक विकास सम्भव हो सके और ग्रामीण लोगों की आर्थिकी में सुधार किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के कारण सड़कों से जुड़ाव, पीने योग्य पानी तथा सिंचाई योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों की जनता की मुख्य जरूरत है, जिसकी पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मजबूत आधारभूत सुविधा प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में नाबार्ड के माध्यम से ग्रामीण स्तर की समस्याओं को पहचान कर महत्वपूर्ण ग्रामीण विकास की योजनाएं तैयार की जा रही हैं, जिनसे जनता की जरूरतों व आकांशाओं को पूरा किया जा सकेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश में स्वंय सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को बैंकों से जोड़ कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा रहा है। डिजिटल ईडिया मिशन को आगे बढाने के लिए नाबार्ड द्वारा ई शक्ति पोर्टल पर स्वंय सहायता समूहों को डिजिटाइजड करने की पहल की गई है जो कि प्रदेश के 6 जिलों में कार्यान्वित की गई है।

उन्होंने कहा कि भविष्य में भी नाबार्ड के साथ मिलकर सरकार प्रदेश में विकास कार्य करने के लिए कटिवद्व है ताकि प्रदेश में विकास को बढावा मिल सके और प्रदेश के लोगों की गुणवत्ता में निरन्तर सुधार किया जा सके। उन्होंने ‘नाबार्ड स्टेट फोकस पेपर 2020-2021’ एवं नाबार्ड की ‘दसेरन जलागम परियोजना-प्राभाव मुल्यांकन अध्ययन’ की रिर्पोट का विमोचन किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कि स्टेटस फोकस पेपर का विषय ‘उच्च तकनीक कृषि पद्धतियां है।

Vijay