अब BPL मुक्त होगा हिमाचल, जयराम सरकार ने बनाई यह योजना

Tuesday, Jun 25, 2019 - 04:40 PM (IST)

शिमला (योगराज): अब प्रदेश सरकार ने बीपीएल मुक्त हिमाचल करने की योजना बनाई है। ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर बताया कि सरकार ने बीपीएल परिवारों के विकास के लिए एक योजना बनाई है। जिसके तहत एक लाख बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार देने के लिए सरकार काम रही है। ताकि परिवार गरीबी मुक्त होकर बीपीएल से बाहर आए। शिमला में हुई ग्रामीण विकास विभाग की दो दिवसीय समीक्षा बैठक में विभाग के एक साल के कार्यो और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने बताया कि बीते एक वर्ष में मनरेगा में बहुत काम किया गया है लेकिन मूलभूत ढांचे पर ज्यादा खर्च किया गया है। 

2018-19 में 866 करोड़ 41 लाख एक वर्ष में खर्च किया है। जो 2005-06 के बाद सबसे ज्यादा। 67 हजार परिवारों ने मनरेगा में 120 दिन पूरे किए है। मनरेगा के माध्यम से जल संग्रहण के लिए 11704 टैंक बनाए गए। विभाग हर स्कूल में जल संरक्षण के लिए ढांचा तैयार करेगा जिससे प्रदेश में जल की बचत की जा सके। पंचायत स्तर पर भी इसके लिए प्रयास किये जाएंगे। हिमाचल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मुख्यमंत्री की मोहराग पंचायत को पहला मॉडल पंचायत बनाया है। जिस पर 2 करोड़ 53 लाख से विभिन्न कार्य करवाए गए हैं जिनमें सड़क, पानी, शिक्षा व अन्य मूलभूत ढांचे पर खर्च किया गया। खुनानी को आदर्श ग्रीन हाउस गांव बनाया है। जिससे दो लाख इनकम इससे हर परिवार को हो रही है।

1200 गांव के अंदर मोक्ष धाम मनरेगा के तहत बनाई है। 2 लाख 82 हजार परिवार बीपीएल है। प्रदेश सरकार हिमाचल को शौचमुक्त बनाने के बाद बीपीएल मुक्त बनाएंगे। बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार से जोड़कर आय बढ़ाने का काम करेंगे। एक लाख बीपीएल परिवार को स्वरोजगार से जोड़ेंगे ताकि वह बीपीएल में न रहे। यदि कोई काम नही करना चाहता है उसको बीपीएल परिवार से बाहर किया जाएगा। प्रदेश की 1000 पंचायतों में से 500 पंचायतों को इसी वर्ष कचरामुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि 2020 तक सभी 1000 पंचायतों को कचरा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। एक माह के भीतर पंचायती राज सभी फैसलों पर काम करना शुरू कर देगा।

Ekta