कई दशकों बाद भी नहीं मिली बॉयज हॉस्टल की सुविधा, छात्रों को करना पड़ रहा पीजी का रूख

Thursday, Oct 17, 2019 - 02:38 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी) : हिमाचल प्रदेश के बड़े कॉलेजों में शुमार सुंदरनगर का महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज इन दिनों अपनी बदहाली के आसूं बहा रहा है। बेशक एमएलएसएम कॉलेज प्रदेश सहित उत्तर भारत में नाम कमा रहा है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन आजदिन तक कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को सुविधाओं से पूर्ण एक हॉस्टल मुहैया नहीं करवा पाया है। इस कारण कॉलेज में पढ़ने वाले दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों को कई दशकों से समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

आलम यह है कि छात्रों को अपनी अभिवावकों की जेब ढीली कर स्थानीय प्राइवेट पीजी व भवनों का रूख करना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर विभिन्न माध्यमों से बार-बार कॉलेज प्रबंधन को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन इस समस्या को लेकर आज दिन तक कॉलेज प्रबंधन ने अपनी आंखें बंद कर इतिश्री कर ली है। इसको लेकर छात्रों के बीच प्रबंधन के खिलाफ गहरा रोष व्याप्त है।

महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कालेज सुंदरनगर की शुरुआत वर्ष 1976 में सुकेत रियासत के राजा ललित सेन द्वारा महाराजा ललित सेन ट्रस्ट के एकमात्र ट्रस्टी के रूप में की गई थी। अब इस कॉलेज की बागडोर राजघराने के डा.हरिसेन के हाथों में है। वहीं एनएएसी के मानकों के अनुसार कॉलेज को 'बी' श्रेणी भी प्राप्त होने के बाद भी छात्रों को आज दिन तक हॉस्टल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है।

विवेकानंद छात्र हॉस्टल बंद होने के बाद नहीं मिली सुविधा

एमएलएसएम कालेज सुंदरनगर में पहले विवेकानंद छात्र हॉस्टल के नाम पर छात्रों को सुविधा उपलब्ध करवाई जाती थी। लेकिन लगभग 17 वर्ष पहले इसे भी बंद कर प्रबंधन द्वारा कालेज के छात्रों को हॉस्टल सुविधा से महरूम कर दिया गया। वर्तमान में विवेकानंद छात्र हॉस्टल की तुलना भूतिया भवन से की जा सकती है। इस भवन की दुर्दशा इतनी खराब है कि दीवारों पर दरारें व फर्श पर क्रैक आम देखे जा सकते हैं। 

एबीवीपी भी उठा चुकी है मांग

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सुंदरनगर के इकाई अध्यक्ष रूपेंद्र ने कहा कि छात्रवास के अभाव की समस्या को लेकर महाविद्यालय के प्रधनाचार्य व स्थानीय विधायक राकेश जंवाल को ज्ञापन देकर इस समस्या से रूबरू करवाया है। उन्होंने कहा कि बेशक विधायक व प्रबंधन द्वारा जल्द ही छात्रावास बनाने का आस्वासन भी दिया है। लेकिन आजदिन तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है और पिछले लगभग 43 वर्ष वित्त जाने के बाद भी कॉलेज के छात्रो को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल पाई है जिस कारण मंहगाई के इस दौर में छात्रों को मंहगे किराए के कमरे ले कर रहना पड़ रहा है।

कॉलेज प्रिंसिपल अजय कपूर ने मामले की जानाकरी देते हुए कहा कि कालेज में पहले ब्वायज हॉस्टल मौजूद था। अब यह बंद हो चुका है। कालेज में लड़कियों संख्या 75 प्रतिशत है। फिलहाल 120 लड़कियों के लिए गर्ल्स हास्टल की व्यवस्था है और इसको बढ़ाने की भी योजना है। ब्वायज होस्टल बनाने के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल से बात की जाएंगी।

Edited By

Simpy Khanna