विधानसभा की सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस के 6 बागियों को मिला BJP का साथ, विधायक दल बैठक में बनाई रणनीति

punjabkesari.in Thursday, Feb 29, 2024 - 09:38 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): विधानसभा की सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों के साथ भाजपा खड़ी रहेगी। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से निर्णय की प्रति मिलने के बाद इसका अध्ययन किया जाएगा, जिसके बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में यहां हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में इसको लेकर रणनीति तैयार की गई। इस रणनीति के तहत भाजपा विधायक कुछ दिन शिमला में ही रहेंगे। भाजपा विधायक दल ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की तरफ से 6 बागी सदस्यों की सदस्यता समाप्त करने बारे सुनाए गए निर्णय को राजनीति से प्रेरित बताया तथा कहा कि बागियों ने किसी तरह से नियमों का उल्लंघन नहीं किया है।

2 घंटे तक बिना रुलिंग के थी विधानसभा 
जयराम ठाकुर का कहना है कि 28 फरवरी को दोपहर 12 बजे तक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने के बाद दोपहर 2.05 बजे तक विधानसभा अध्यक्ष के आसन से कोई रुलिंग नहीं आई। इस दौरान 2 घंटे से अधिक के समय के दौरान गलत ढंग से निलंबित किए गए भाजपा के 15 विधायक तो सदन में मौजूद थे, साथ ही अयोग्य घोषित किए गए 6 विधायक भी सदन में मौजूद थे।

विधानसभा अध्यक्ष का पूरा ध्यान सरकार बचाने पर
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष का पूरा ध्यान सरकार बचाने पर है। इसी कारण विधानसभा के कटौती प्रस्ताव के दौरान डिवीजन ऑफ वोट की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद जब दूसरे दिन बजट पास होना था, तो भाजपा के 15 विधायकों को सदन से निष्कासित कर दिया गया।

कांग्रेस के कई अन्य विधायक संपर्क में
जयराम ठाकुर ने दावा किया कि कांग्रेस के कई अन्य विधायक भी भाजपा के संपर्क में हैं। ऐसे में सरकार के बचने की कोई संभावना अब नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गिराने को लेकर भाजपा पर लगे आरोप गलत हैं। भाजपा ने कुछ नहीं किया क्योंकि कांग्रेस ही कांग्रेस को गिराने में लगी है।

जलालत सहने की बजाय साथ छोड़ें प्रतिभा-विक्रमादित्य
भाजपा ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को सलाह दी कि वह जलालत सहने की बजाय साथ छोड़ दें। भाजपा की तरफ से कहा गया कि जिस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की पीड़ा को हाईकमान की ओर से नहीं सुना जाता तो ऐसे दल को छोड़ देना ही बेहतर है।
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Content Writer

Vijay

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