सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर सियायत शुरू, भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

Wednesday, Jan 09, 2019 - 11:29 PM (IST)

शिमला: केंद्र सरकार की तरफ से सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के निर्णय पर सियासत शुरू हो गई है। भाजपा और कांग्रेस नेता केंद्र सरकार के इस निर्णय का अपने तरीके से आकलन कर रहे हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। इसी तरह कांग्रेस ने केंद्र सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी स्टंट बताया है।

70 साल बाद केंद्र सरकार ने सुनी गरीब सवर्णों की आवाज : सत्ती

हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती का कहना है कि आजादी के 70 साल बाद केंद्र सरकार ने गरीब सवर्णों की आवाज को सुना है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के साथ ओ.बी.सी. को दिए गए आरक्षण से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि 56 इंच के सीने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह साहसिक कदम उठाकर गरीब सवर्णों के सपनों को पंख दिए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे साहसिक कदम बताया है। कृपाल परमार, चंद्रमोहन, विजय पाल सोहारू, शशि बाला, प्रवीण कुमार शर्मा और इंदु गोस्वामी सहित अन्य नेताओं ने भी प्रधानमंत्री के इस निर्णय की सराहना की है।

वायदे पूरे नहीं कर पाई सरकार : नरेश चौहान

उधर, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी नरेश चौहान ने सवर्णों को आरक्षण देने के निर्णय को चुनावी स्टंट बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने कार्यकाल में लोगों से किए वायदों को पूरा नहीं कर पाई है। सिर्फ चुनाव के समय भाजपा को श्रीराम मंदिर निर्माण की याद आती है। अब लोगों को गुमराह करने के लिए सवर्णों का कार्ड खेलने की भाजपा ने कोशिश की है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की जुमलेबाजी को मतदाता जान चुके हैं क्योंकि केंद्र सरकार न तो विदेशों से काला धन ला पाई और न ही 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने के वायदे को पूरा कर पाई है।

Vijay