बायोमीट्रिक मशीन घोटाला : जांच के दायरे में PHC स्तर के अधिकारी, गिर सकती है गाज

punjabkesari.in Tuesday, Jan 21, 2020 - 09:52 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): कांगड़ा जिला में बायोमीट्रिक मशीन खरीद घोटाले के मामले में पीएचसी स्तर के अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। सरकार द्वारा की जा रही जांच में अगर अनियमितताएं पाई गईं तो इन अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। जांच कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है, ऐसे में अब सरकार शीघ्र ही आगामी निर्णय लेगी। हालांकि विशेष सचिव स्वास्थ्य डॉ. निपुण जिंदल ने प्रारंभिक जांच के उपरांत प्रस्तुत तथ्य रिपोर्ट के आधार पर जिला कांगड़ा के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के लिए अंकन मशीनों की खरीद के मामले में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा पर पैंशन नियम 9 के तहत 29 जुलाई, 2019 को आरोप पत्र जारी किया है।

बताया जा रहा है कि पीएचसी स्तर के अधिकारियों ने स्वयं ही मशीनें खरीदी थीं। मशीनों की खरीद के लिए कोई बजट उपलब्ध नहीं था। सभी बीएमओ को रोगी कल्याण समिति आरकेएस के फंड से भुगतान करने के लिए कहा गया था। मामले की अभी जांच जारी है। स्वास्थ्य मंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर जांच रिपोर्ट में बायोमीट्रिक मशीन खरीद को लेकर अनियमितताएं पाई गईं तो दोषियों के खिलाफ पहले एफआईआर फिर विजीलैंस जांच करवाई जाएगी।

बता दें कि कांगड़ा जिला में वर्ष 2017 में 66 संस्थानों में 82 मशीनें लगाई गई हैं। ये मशीनें तभी लगाई गई थीं जब हाईकोर्ट के आदेश हुए थे। हाईकोर्ट के आदेश थे कि स्वास्थ्य संस्थानों में बायोमीट्रिक मशीनें 31 अक्तूबर, 2017 से पहले लगाएं, जिसके बाद स्वास्थ्य निदेशक ने सीएमओ को मशीन खरीदने के आदेश जारी किए थे। जो कांगड़ा में पहले सीएमओ थे उनके दिशा-निर्देशानुसार संस्थानों में ये मशीनें खरीदी गईं।

प्रत्येक संस्थान ने अगल-अलग दरों पर मशीनें खरीदी हैं। कौन-सी मशीन कितने में खरीदी है यह खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा। आरोप है कि जो मशीन 15 हजार रुपए की थी वह मशीन 40 हजार 120 रुपए में खरीदी गई है। यह मशीन एचपी हैंडलूम कॉर्पोरेशन से खरीदी है। नियमों और उचित प्रक्रिया के घोर उल्लंघन में कांगड़ा में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में लाखों रुपए की मशीनें लगाई गई हैं। जिससे राज्य के खजाने को भारी नुक्सान हुआ है।


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Vijay

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