शिमला में प्रदेश का पहला बायोगैस प्लांट शुरू, रोजाना तैयार हो रही इतनी गैस

Tuesday, Aug 06, 2019 - 04:18 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): शिमला शहर में अब लोग कूड़े से बनी गैस से रसोई में  खाना बनाएंगे। राजधानी के लालपानी में प्रदेश का पहला बायोगैस प्लांट शुरू हो गया है। प्लांट में रोजाना गीले कचरे से करीब 8 सिलैंडर गैस तैयार हो रही है। पिछले डेढ़ माह से इस प्लांट में गैस बनाने का ट्रायल चल रहा था जोकि अब सफल हो गया  है। अभी यह गैस साथ लगते एस.टी.पी. प्लांट में इस्तेमाल की जा रही है। इसके अलावा एक कर्मचारी को भी इसकी सुविधा दी है।

आने वाले दिनों में एस.टी.पी. के आधा दर्जन कर्मचारियों को खाना बनाने के लिए इसी प्लांट से नि:शुल्क गैस की सप्लाई दी जाएगी। नगर निगम द्वारा यूरोपियन यूनियन प्रोजैक्ट के तहत करीब 36 लाख रुपए की लागत से यह प्लांट स्थापित किया गया है। वहीं नगर निगम अब शहर में और जगहों पर भी इस तरह के प्लांट स्थापित करेगा, जिससे शहर के लोग भी रसोई में खाना बनाने के लिए गैस का इस्तेमाल कर सकेंगे।

महापौर कुसुम सदरेट ने इस प्लांट का दौरा किया और प्लांट में कैसे गीले कचरे से गैस तैयार हो रही है, इसके बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि नगर निगम का प्रयास सफल रहा है और  जो खाने और सब्जियों का वेस्ट  बचता है, उससे गैस बनाई जा रही है। शहर में इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी ये प्लांट बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी 300 किलो गीले कचरे का प्रयोग किया जा रहा है और जल्द ही एक टन कूड़ा यहा प्रयोग किया जाएगा ताकि ज्यादा गैस बनाई जा सके।

बता दें शहर में नगर निगम डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित कर रहा है और इसमें अब गीला कूड़ा अलग से एकत्रित किया जा रहा है। इस गीले कूड़े से अब बायोगैस बनाई जा रही है। शहर में होटलों और शिक्षण संस्थानों के होस्टलों में इस तरह के प्लांट लगा कर पाइप लाइन द्वारा गैस की सप्लाई दी जाएगी। दावा किया जा रहा है की एल.पी.जी. गैस सिलैंडर से काफी कम दामों पर लोगों को ये गैस मुहैया करवाई जाएगी।

Vijay