पावर प्रोजैक्टों से वाटर सैस वसूलने का बिल विधानसभा में पारित, सरकार को होगी 4000 करोड़ की आय

Thursday, Mar 16, 2023 - 05:56 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश में पावर प्रोजैक्टों से वाटर सैस वसूलने का विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बजट सत्र के पहले दिन पावर प्रोजैक्टों से वाटर सैस वसूलने को लेकर विधेयक सदन में पेश किया था। इसे आज चर्चा के बाद मंजूर कर दिया गया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट से वाटर सैस वसूलने से सरकार को सालाना 4000 करोड़ रुपए की आय होगी। उन्होंने कहा कि सरकार वटर सैस वसूलने के मामले में कंपनियों के साथ बातचीत करेगी और 5 मैगावाट से कम के हिमाचली उत्पादकों को इसमें राहत दी जाएगी। बिल मंजूर होने से पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इससे लोगों पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। इसके लिए अलग से आयोग भी बनाया जाएगा है। इसमें एक अध्यक्ष और 4 सदस्य मनोनीत किए जाएंगे। सचिव रैंक के अधिकारी को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। 

रणधीर शर्मा के सवाल पर सुक्खू बोले-सरकार की नीयत साफ
वहीं विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि सैस लगाने से बिजली के दाम तो नहीं बढ़ जाएंगे क्योंकि यहां पर उद्योग लगाने वाले बिजली के लालच में आते थे। अब बिजली महंगी होने से उनका झुकाव कम हो जाएगा। सरकार को कैबिनेट में लाने व अध्यादेश जारी करने की क्या जरूरत थी। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि क्यों रातोंरात सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा। यह साफ नहीं है कि पुराने बिजली उत्पादकों से भी यह सैस लिया जाएगा या फिर भविष्य की कंपनियों से ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पावर प्रोड्यूसर पहले ही सरकार को रॉयल्टी और अपफ्रंट प्रीमियम देते हैं। इसमें कानूनी अड़चनें आ सकती हैं। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार इस तरह के जरूरी कदम उठा रही है। कांग्रेस सरकार व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए आई है। सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है। फिर रात को अध्यादेश लाने से क्या फर्क पड़ता है। सरकार की नीयत साफ है। 

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Content Writer

Vijay