गैर-हिमाचलियों की भर्ती में हो गई ये सबसे बड़ी चूक, जानने के लिए पढ़ें खबर

Sunday, Aug 11, 2019 - 06:13 PM (IST)

शिमला: तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर गैर-हिमाचलियों की भर्ती के मामले में सबसे बड़ी चूक सामने आई है। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय 17 अप्रैल, 2017 को इन पदों के लिए साक्षात्कार खत्म कर 15 नंबर की इवैल्यूएशन की प्रक्रिया लागू हुई थी, जिसमें एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के 2.5, बैकवर्ड एरिया का 1, भूमिहीन का 1, परिवार में बेरोजगारी का 1, दिव्यांगता का 1, एनएसएस का 1, बीपीएल के 2, विधवा-तलाशुदा का 1, एकमात्र बेटी का 1, संबंधित पद की ट्रेनिंग का 1 और 5 साल के अनुभव के 2.5 नंबर थे लेकिन इस अधिसूचना में यह कहीं नहीं लिखा है कि ये नंबर बाहरी राज्यों के प्रमाण पत्रों के आधार पर भी मिलेंगे, ऐसे में सवाल उठता है कि जब आदेश केवल हिमाचल के लिए थे तो पंजाब, हरियाणा, बिहार और झारखंड आदि के बैकवर्ड एरिया, बीपीएल, बेरोजगारी जैसे प्रमाण पत्र किस आधार पर स्वीकार किए गए और इनके अंक दिए गए? अब जब गैर-हिमाचलियों की सचिवालय में भर्ती पर सरकार की फजीहत हुई तो इस मामले में सरकार ने भी रिपोर्ट मांगी।

हमीरपुर चयन आयोग और कार्मिक विभाग आमने-सामने

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर का कहना है कि उसने इस बारे में क्लैरिफिकेशन ली थी कि बाहरी राज्यों के प्रमाण पत्र आ रहे हैं, इनका क्या करना है? उसके जवाब में जो निर्देश मिले, उसी आधार पर भर्तियां की गईं जबकि कार्मिक विभाग ने सरकार को दिए फीडबैक में कहा कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने केवल ये क्लैरिफिकेशन मांगी थी कि 15 नंबर के प्रावधान और प्रक्रिया के कारण आरक्षण रिपीट हो रहा है। आयोग को कभी यह नहीं बताया गया कि बाहर के राज्यों के प्रमाण पत्रों को मान्य किया जाए। इसका आधार यह था कि लैंडलैस, बीपीएल और बैकवर्ड एरिया के मानक हर राज्य के अलग हैं। गौरतलब है कि यही वह सबसे बड़ी चूक है, जिसके कारण अधीनस्थ पदों पर गैर-हिमाचली अभ्यर्थी आ रहे हैं।

चयन आयोग की ओर से चल रही भर्तियों पर नहीं लिया फैसला

हैरानी की बात यह भी है कि सरकार की ओर से ये स्पष्ट करने के बाद कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को नहीं लिया जाएगा, हमीरपुर चयन आयोग की ओर से चल रही भर्तियों पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है कि इस प्रक्रिया को पूरा किया जाए या रद्द कर दोबारा पद विज्ञापित हों।

क्या कहते हैं अधिकारी

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के सचिव जितेंद्र कंवर ने कहा कि 15 अंकों की इवैल्यूवेशन को लागू करने को लेकर हर बार आयोग ने कार्मिक विभाग से ही क्लैरिफिकेशन ली है। बाहरी प्रमाण पत्रों वाले मामले में भी कार्मिक विभाग से ही पहले पूछा था। वहीं कार्मिक विभाग के डिप्टी सैक्रेटरी ओपी भंडारी ने कहा कि इवैल्यूवेशन के लिए बनाया गया फार्मूला केवल हिमाचल की परिस्थितियों के अनुसार है। मेरे ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं है कि किसी ने अन्य राज्यों के लिए इसे लागू करने की अनुमति मांगी हो।

Vijay