Breaking News : हिमाचल में कोरोना की बंदिशों को लेकर मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला, जनवरी तक नहीं खुलेंगे

Monday, Dec 14, 2020 - 09:37 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): शिमला में सोमवार को सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना संक्रमण को लेकर जारी बंदिशों की तिथि बढ़ा दी गई है। जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल ने हिमाचल के 4 जिलों कांगड़ा, शिमला, कुल्लू  और मंडी में 15 दिसम्बर तक नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया था, जिसे अब बढ़ाकर 5 जनवरी तक कर दिया गया है। सरकारी कार्यालयों में भी पहले की तरह फाइव डे वीक काम होगा और बसों में भी 50 फीसदी यात्रियों के साथ 5 जनवरी तक सफर करने की अनुमति होगी। आगामी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए बढ़ती सरगर्मियों को देखते हुए राज्य सरकार ने शादी सहित अन्य सार्वजनिक समारोहों के लिए 50 लोगों की शर्त को आगामी 5 जनवरी तक जारी रखने का निर्णय लिया है। हालांकि मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक 50 की संख्या के साथ सार्वजनिक व वर्चुअल कार्यक्रम कर सकेंगे। इसी तरह मंत्रिमंडल ने स्कूलों को भी जनवरी माह तक नहीं खोलने का निर्णय लिया है।

बैठक में निजी भूमि से पेड़ों को काटने के लिए 10 वर्षीय पात्तन कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश भूमि संरक्षण अधिनियम 1978 के तहत जारी आदेश संख्या एफएफएफबीए (3) 4/99 दिनांक 10 सितम्बर, 2002 के पैरा-1 और 6 को संशोधित करने को अपनी मंजूरी प्रदान की। इसके तहत वन उपमंडल अधिकारी (डीएफओ) को 1 वर्ष में 50 पेड़ों के स्थान पर 200 पेड़ काटने की अनुमति प्रदान करने का अधिकार, संबंधित मुख्य अरण्यपाल वन/ मुख्य अरण्यपाल वन को 1 वर्ष में 100 के स्थान पर 300 पेड़, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन को 1 वर्ष में 200 पेड़ों के स्थान पर 400 पेड़ और हिमाचल प्रदेश सरकार को 200 से अधिक पेड़ों के स्थान पर 400 से अधिक पेड़ काटने की अनुमति देने का अधिकार प्रदान किया गया है।

बैठक में यह भी निर्णय लिया कि यदि पेड़ निर्धारित वर्ष में नहीं काटे गए तो सक्षम प्राधिकारी इस अवधि को 1 वर्ष तक बढ़ा सकता है, जहां भूमि की डिमार्केशन और पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया निर्धारित 1 वर्ष के भीतर पूर्ण की गई हो और संबंधित डीएफओ द्वारा कटाई के आदेश दिए गए हों किन्तु पेड़ों की कटाई नहीं की गई हो या आंशिक रूप से की गई हो और जहां भूमि की डिमार्केशन प्रक्रिया और पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया निर्धारित वर्ष के भीतर पूर्ण कर ली गई हो परन्तु कटाई के आदेश जारी नहीं किए गए हों।

कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मेक शिफ्ट अस्पतालों के लिए सीएसआईआर/सीबीआरआई रुड़की की तरफ से 50 फीसदी राशि जारी करने के बाद इस पर कार्य करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत शिमला, नालागढ़, टांडा और नेरचौक में क्रमश: 1.37 करोड़, 2.36 करोड़, 3.44 करोड़ और 6.11 करोड़ रुपए की लागत से मेक शिफ्ट अस्पतालों को कार्यशील किया जाएगा। इसके अलावा मंत्रिमंडलीय उप समिति की सिफारिशों के आधार पर चम्बा, सोलन और मंडी जिलों सहित कुछ अन्य स्थानों के क्षेत्रों को टीसीपी के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया है।

3 वर्षों के कार्यक्रम पर अभी निर्णय नहीं

शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 27 दिसम्बर को सरकार के 3 साल के कार्यक्रम को वर्चुअल या सार्वजनिक तौर पर आयोजित करने को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम वर्चुअल भी हो सकता है।

रमेश धवाला की मांगों पर अमल शुरू

मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के मझीण में लोक निर्माण विभाग के नए उपमंडल के सृजन सहित मझीण और सेओरबाला में 2 नए सैक्शन के अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों के 6 पदों के सृजन को स्वीकृति प्रदान की यानी राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं विधायक रमेश धवाला ने जो मांगें मुख्यमंत्री से उठाई थीं, उनमें से इस प्रमुख मांग को पूरा कर दिया गया है।

उपमहानिरीक्षक कार्यालय धर्मशाला स्थानांतरित

मंत्रिमंडल ने उपमहानिरीक्षक (इंटैलीजैंस एंड सिक्योरिटी) के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने को भी अपनी सहमति प्रदान की। सरकार ने इस कार्यालय को स्थानांतरित करने के पीछे जनहित के कार्य का हवाला दिया है।

Vijay