ढांडा में खून-खराबा, छुड़ाने की बजाय वीडियो बनाते रहे बुद्धिजीवी

Sunday, Jan 05, 2020 - 10:33 AM (IST)

 

शिमला (ब्यूरो): आज हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है। आए दिन मारपीट की घटनाएं सुनने को मिलती हैं। हैरानी तो इस बात की भी है कि समाज में रह रहे बुद्धिजीवी वर्ग भी इन झगड़ों को छुड़ाने की बजाय वीडियो बनाते नजर आते हैं। समाज में खत्म हो रही संवेदनशीलता चिंता का विषय है। इसी असंवेदनशीलता का उदाहरण यह लड़ाई है। शिमला के उपनगर ढांडा में 2 व्यक्तियों की लड़ाई खून-खराबे तक पहुंच गई। घरों के निर्माण हेतु रेत-बजरी व ईंटों की सप्लाई करने वाले ठेकेदार पदम ने बताया कि जब वह ढांडा क्षेत्र में अपना सामान उतरवा रहा था तो वहीं दुकान करने वाले व्यक्ति ने उनसे लड़ाई-झगड़ा शुरू कर दिया। गाली-गलौच करने के बाद उन्होंने उसके सिर पर ईंट दे मारी, जिससे उनको सिर पर गहरी चोट लगी। प्रत्यक्षदर्शी स्थानीय व्यक्ति नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि जब उन्होंने ऑफिस को निकलते समय ढांडा में भीड़ देखी तो वे रुक गए और मामले को जानने की कोशिश की।

तब उन्हें पता लगा कि सामान उतारने को लेकर यह विवाद शुरू हुआ था और लड़ाई में किसी एक व्यक्ति ने सामान उतारने वाले ठेकेदार पर ईंट से वार किया। वे बीच-बचाव कर ठेकेदार को वहां से निकाल कर टुटू स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाए, उसके उपरांत उस व्यक्ति का उपचार किया गया। हैरानी की बात है कि जब यह खून-खराबा चला हुआ था तो वहां तकरीबन 100 लोग इकट्ठा हो गए। उससे भी हैरानी की बात है कि उन 100 लोगों में से लगभग 20 से 25 लोग झगड़े को तमाशा बनाकर उसका वीडियो बना रहे थे, जबकि उनको छुड़ाने या लड़ाई को रोकने का प्रयास नहीं किया जा रहा था। पुलिस के अनुसार दोनों व्यक्तियों का झगड़ा हुआ था और हमने मौके पर जाकर बयान भी दर्ज किए, लेकिन दोनों लोगों ने आपस में समझौता कर लिया है। वहीं पुलिस ने जल्द से जल्द नेपाली मूल के लोगों को पंजीकरण करवाने के लिए कहा है।
 

kirti