स्वयं सहायता समूह की आर्थिक मजबूती के लिए बैंक निभा सकते हैं भूमिका
punjabkesari.in Tuesday, Dec 14, 2021 - 01:22 PM (IST)

नाहन (दलीप) : नाबार्ड से ट्रेनिंग प्राप्त कर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है । महिलाएं अपने समूह में बांस से बने प्रोडक्ट बनाकर मार्किट में बेच कर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रही हैं। महिलाओं को अपने स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिए नाबार्ड अब बैंकों से समन्वय बनाकर ऋण योजनाओं का महिलाओं को लाभ दिलाने का कार्य कर रहा हैं। जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड गौरव शर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपने रोजगार को आगे बढ़ाने के लिए बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। ई शक्ति पोर्टल के माध्यम से सभी में स्वयं सहायता समूह का डाटा ऑनलाइन किया गया है। बैंक प्रबंधन के पास अगर कोई समूह ऋण के लिए अप्लाई करता है तो बैंक ऑनलाइन माध्यम से स्वयं सहायता समुह का डाटा चेक कर सकता है।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड का ट्रेनिंग देने का मुख्य उद्देश्य है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। समूह की महिलाएं बांस से बने अलग-अलग प्रोडक्ट बना रही है जिनको मार्केट में बेहद पसन्द किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे इन प्रोडक्ट की घरों में काफी डिमांड रहती है। ऐसे में महिलाओं को अपना रोजगार आगे बढ़ाने के लिए अगर बैंक मदद करते हैं तो महिलाएं निश्चित तौर पर अपनी आर्थिकी को और अधिक मजबूत कर पाएंगी। खुशी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्हें नाबार्ड द्वारा ट्रेनिंग दी गई थी जिसके बाद अब वह आत्मनिर्भर बनी है। उन्होंने कहा कि वह बांस से बने प्रोडक्ट बना रही हैं जिसको लोग बेहद पसंद कर रहे हैं। अब वे स्वयं का रोजगार शुरू कर किसी अन्य पर निर्भर नही हैं। वह अपने व बच्चों के पालन पोषण के लिए बेहतर कार्य कर रही है ।