ऑस्ट्रेलिया में बज रहा हिमाचली गबरू की कामयाबी का डंका, बनाई अलग पहचान (PICS)

Monday, Nov 19, 2018 - 02:44 PM (IST)

मंडी (नीरज): मंडी के अभिषेक अवस्थी की कामयाबी का डंका ऑस्ट्रेलिया में बज रहा है। बीते 10 वर्षों में अभिषेक ने ऑस्ट्रेलिया में कामयाबी के जो नए आयाम स्थापित किए हैं, उन्हें देखकर यही लगता है कि मंडी के इस गबरू को बुलंदियों पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। सीढ़ी-दर-सीढ़ी अभिषेक ने कामयाबी के जिन पायदानों को चढ़ा है, उससे अभिषेक के हौसले बुलंद हुए हैं और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है। 35 वर्षीय अभिषेक अवस्थी मूलतः मंडी शहर के रहने वाले हैं। पिता सुरेंद्र पाल बीबीएमबी से सेवानिवृत हुए हैं और माता चंपा शर्मा गृहिणी हैं। अभिषेक की शुरुआती पढ़ाई कोटली और मंडी के स्कूलों से हुई। इसके बाद अभिषेक इंदौर चले गए जहां से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की और साथ में माइक्रोसॉफ्ट में जॉब भी किया। इसके साथ ही लखनऊ से बायो टेक्नोलोजी में इंजीनियरिंग की।


अभिषेक को 2008 में ऑस्ट्रेलिया की लैट्राब यूनिवर्सिटी में मिला दाखिला
देश में पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिषेक को 2008 में ऑस्ट्रेलिया की लैट्राब यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला। यहां से अभिषेक ने मास्टर ऑफ बायो टेक्नोलोजी एंड बायो इन्फॉरमेटिक्स की पढ़ाई की। साथ ही, अभिषेक ने जीसीएचई का कोर्स भी किया। इस दौरान अपना खर्चा निकालने के लिए कैफे, स्टेडियम और घोड़ों की रेस के दौरान पार्ट टाइम नौकरी भी की। 2010 में लैट्राब यूनिवर्सिटी में ही हायर एजुकेशन की वेकेंसी निकली तो इसमें बड़े-बड़ों को पछाड़ते हुए इस पद पर अपना कब्जा जमाया। अभिषेक को 'इम्प्लॉई ऑफ द ईयर' और 'एक्सीलेंस इन टर्सरी एजुकेशन एंड मैनेजमेंट' का अवॉर्ड भी मिल चुका है। 2015 में अभिषेक ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया सरकार द्वारा मल्टीकल्चरल सर्विसेस के एम्बेसडर नियुक्त किए गए। 2016 में अभिषेक को इसी का चेयरपर्सन चुना गया। अभी भी अभिषेक इसी पद पर हैं।


रोटरी नेक्स्ट जनरेशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं अभिषेक
अभिषेक अभी विक्टोरिया की राज्य सरकार में अपना स्थान और ज्यादा मजबूत कर चुके हैं। उन्हें सरकार की रीजनल एडवाइजरी काउंसिल में सदस्य चुना गया है। साथ ही, अभिषेक हायर एंड वोकेशनल एजुकेशन और कंपनी डायरेक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, उन्हें ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट और फुटबाल खेलों का कम्युनिटी एम्बेसडर भी नियुक्त किया गया है। इससे पहले अभिषेक रोटरी नेक्स्ट जनरेशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और लॉडन मरी कम्युनिटी लीडरशिप में बतौर चेयरपर्सन चुने जाने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल कर चुके हैं। यह चुनाव उन्होंने 2013 में लड़ा और इसमें जीत हासिल करके इस पर अपना कब्जा जमाया। यहां उनका कार्यकाल अब पूरा हो चुका है।


युवाओं के लिए नशाखोरी के विरुद्ध अभियान चलाना चाहते हैं
अभिषेक विदेश में कामयाबी के नए आयाम स्थापित करने के साथ अपने देश, प्रदेश और शहर के लिए भी कुछ करना चाहते हैं। खास तौर पर युवाओं के लिए वह नशाखोरी को लेकर एक अभियान चलाना चाहते हैं। इसके लिए वह मंडी जिला प्रशासन और पुलिस के साथ लगातार संपर्क में भी हैं। उनका मानना है कि हर बात को लेकर पुलिस या प्रशासन को दोष देना उचित नहीं होता, बल्कि समाज के प्रत्येक नागरिक को अपना दायित्व बखूबी निभाना चाहिए। यदि सभी पुलिस और प्रशासन को सहयोग करने लग जाएं तो समाज में फैली बहुत-सी कुरीतियां खुद ही समाप्त हो जाएंगी।


अभिषेक के छोटे भाई भी उनके नक्शे कदम पर
उनका मानना है कि आज का युवा रोजगार के अभाव में नशे जैसी कुरीतियों की तरफ अधिक अग्रसर हो रहा है। यदि युवाओं को कार्यों में व्यस्त कर दिया जाए तो इस प्रकार की कुरीतियों की तरफ उनका ध्यान नहीं जाएगा। इन सब बातों को लेकर वह जल्द ही कुछ नया करने जा रहे हैं। उनको आगे बढ़ने में उनके परिवार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। अभिषेक के छोटे भाई अछयुतम अवस्थी भी अपने भाई के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। पत्नी अनीमा भी ऑस्ट्रेलिया में रहकर पति को बुलंदियों पर पहुंचाने में उनकी मदद कर रही हैं। अभिषेक अवस्थी उन भारतीयों में शुमार हो गए हैं, जो विदेशों में रहकर न सिर्फ पैसा कमा रहे हैं, बल्कि अपने नाम के साथ-साथ देश और प्रदेश का नाम भी रोशन कर रहे हैं।

Ekta