शिमला रहेगा प्यासा, अश्वनी खड्ड का पानी नहीं होगा सप्लाई
punjabkesari.in Saturday, Nov 26, 2016 - 01:12 PM (IST)

शिमला: अश्वनी पेयजल परियोजना से नगर निगम ने पानी की लिफ्टिंग करने से इंकार कर दिया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा अश्वनी खड्ड से पानी की सप्लाई शुरू करने के आदेश पर नगर निगम के महापौर संजय चौहान ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए स्पष्ट कहा है कि नगर निगम अश्वनी से तब तक पानी नहीं उठाएगा, जब तक मल्याणा के एस.टी.पी का स्थायी समाधान नहीं हो जाता। अश्वनी से पानी की सप्लाई शुरू करने को लेकर सरकार व निगम प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं। महापौर ने मुख्यमंत्री के इस बयान की कड़े शब्दों में आलोचना की है।
संजय चौहान का कहना है कि मल्याणा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट जब तक सही तरीके से कार्य नहीं करता व प्लांट में पूरी मशीनरी स्थापित नहीं की जाती, तब तक अश्वनी से पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद रहेगी। निगम शहर की जनता की सेहत के साथ होने वाले खिलवाड़ को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। निगम सरकार के अश्वनी से आपूर्ति शुरू करने के फैसले का विरोध करता है। सरकार ने मार्च से अश्वनी से पानी की सप्लाई शुरू करने के आदेश दिए हैं। गौर हो कि अश्वनी पेयजल परियोजना के दूषित पानी से शहर में पीलिया फैला था, जिससे दर्जनों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। ऐसे में बीते 11 महीनों से अश्वनी खड्ड से आपूर्ति पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है।
कोटी बरांडी से निगम बढ़ाएगा पानी की मात्रा
वहीं, महापौर ने कहा है कि शहर में पानी की कमी को दूर करने के लिए नगर निगम कोटी बरांडी से जल्द ही पानी की मात्रा को बढ़ाने जा रहा है, इसके लिए कोटी बरांडी के साथ लगते जल स्रोतों को इनसे जोड़ा जाएगा ताकि यहां से पानी की मात्रा को बढ़ाया जा सके और लोगों को पर्याप्त पानी मिल सके।
दिसम्बर तक जमा करवाएं पानी के बिल, नहीं लगेगा सरचार्ज
उधर, राजधानी की आम जनता पानी के बिल अब दिसम्बर माह तक जमा करवा सकेगी। नगर निगम ने नोटबंदी के चलते बिल जमा करवाने की अवधि को बढ़ा दिया है। खास बात यह है कि नगर निगम उपभोक्ताओं से बिल देरी से जमा करवाने पर कोई भी अतिरिक्त सरचार्ज वसूल नहीं करेगा। नोटबंदी के कारण आम जनता को बिल जमा करवाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते निगम प्रशासन ने आम जनता को राहत प्रदान करते हुए यह निर्णय लिया है। एम.सी ने शहर में पानी के घरेलू व कमर्शियल उपभोक्ताओं को बिल जारी किए हैं, जिनमें बिल जमा करवाने की अंतिम तिथि 28 नवम्बर थी, जिसे अब दिसम्बर तक बढ़ा दिया गया है। वहीं केन्द्र सरकार के आदेशों के बाद नगर निगम पानी, प्रॉपर्टी टैक्स सहित अन्य एरियर के भुगतान के लिए 500 और 1000 हजार के पुराने नोटों अगामी 15 दिसम्बर तक स्वीकार करेगा। नगर निगम के महापौर संजय चौहान ने कहा कि नोटबंदी के कारण आम जनता पानी के बिलों का भुगतान दिसम्बर तक कर सकती है।