आशीष अब टोक्यों में दिखाएंगे अपने मुक्कों का दम, इंडोनेशिया के खिलाड़ी को भी हराया

Monday, Mar 09, 2020 - 10:16 AM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी) : सपना आंखों में था। दिल में हौंसला था और हिम्मत थी कि कुछ कर दिखाना है। जीत का जुनून ने हर सपने को सच कर दिखाया। हिमाचल प्रदेश के बाॅक्सिंग खिलाड़ी के मुक्कों का दम अब पूरी दुनिया देखेगी। ओलंपिक क्वालीफायर में आशीष ने इंडोनेशिया के खिलाड़ी पर जैसे ही जीत दर्ज की वैसे ही उन्हें टोक्यों में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों का टिकट मिल गया। अब आशीष देश के ओलंपिक में पदक के लिए दम लगाते नजर आएंगे। 

8 जुलाई 1994 को स्वर्गीय भगतराम डोगरा के घर जन्मे 25 वर्षीय आशीष चैधरी ने जो सपना सजोया था आखिरकार वह सपना पूरा हो चुका है। आशीष ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। और अब वे टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम का हिस्सा बनकर देश के लिए गोल्ड जीतने के लिए मेहनत करेंगे।

सुंदरनगर के जरल गाँव के आशीष ने रविवार शाम जार्डन के अमान में जारी ओलंपिक क्वालिफायर के अपने तीसरे मैच में 75 किलोग्राम भार वर्ग में इंडोनेशिया के खिलाड़ी को 5-0 से मात दी और टोक्यो ओलंपिक के लिए अपना टिकट पक्का किया। भारतीय मुक्केबाज ने मुक्केबाजी रिंग में शानदार प्रदर्शन किया और अपने प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज के खिलाफ जीत दर्ज की। इस शानदार प्रदर्शन के बाद हिमाचल प्रदेश सहित उन के गृह क्षेत्र सुंदरनगर में खुशी की लहर है। बस अब लोगों को उम्मीद है कि आशीष ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड लेकर वापिस लौटे।

आशीष ने अपनी जीत का श्रेय अपने परिवार सहित एक महीना पहले स्वर्ग सिधार गए पिता भगतराम डोगरा को दिया है। उन्होंने कहा कि परिवार ने कभी भी अकेला नहीं छोड़ा और हरदम परिवार साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि पिता उन्हें ओलंपिक में खेलता देखे लेकिन पिता की एक महीने पहले हुई मौत से वें काफी आहत हैं। लेकिन वह उनके सपने को जरूर पूरा करेंगे और देश के लिए ओलंपिक से गोल्ड मेडल हासिल कर देश लौटेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी कामयाबी के पीछे उनके कोच और सभी साथियों का भी भरपूर सहयोग रहा है। उन्होंने हमेशा खेलने के लिए मोटिवेट किया है। उन्होंने कहा कि वह ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर ही भारत लौटेंगे जिसके लिए वह कड़ी मेहनत करेंगे।
 

kirti