सैहब सुपरवाइजरों को मार्च तक एरियर की रिकवरी का अल्टीमेटम

Friday, Mar 01, 2019 - 11:12 AM (IST)

 

शिमला (वंदना): डोर टू डोर गारबेज कलैक्शन योजना के तहत नगर निगम ने सैहब सुपरवाइजरों को मार्च तक लंबित एरियर की रिकवरी करने का अल्टीमेटम दिया है। नगर निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सैहब सुपरवाइजरों को मार्च महीने तक पिछली लंबित कूड़े की फीस वसूली आम जनता से करनी होगी, इसके बाद ही सुपरवाइजरों को परफॉरर्मेंस के हिसाब से वेतन जारी किया जाएगा। नगर निगम के फरमान के बाद सुपरवाइजरों की नींद उड़ गई है। हालांकि नगर निगम जनवरी महीने में कूड़े की फीस वसूली नहीं करने पर सुपरवाइजरों के वेतन में कटौती कर चुका है। 

फरवरी माह में सुपरवाइजरों को उनकी परफॉर्मैंस के अनुसार ही वेतन दिया गया है। इनमें से अधिकतर सुपरवाइजरों के वेतन में 40 से 50 प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है। ऐसे में प्रशासन ने साफ किया है सुपरवाइजरों को मार्च तक रिकवरी पूरी करनी होगी। इसके बाद ही उन्हें पूरा वेतन जारी किया जाएगा। नगर निगम को पिछले कई महीनों से कूड़े की फीस से पर्याप्त वसूली नहीं हो रही है, जिससे एम.सी. को हर महीने लाखों रुपयों का घाटा वहन करना पड़ रहा है, हालात ऐसे हो गए हैं कि कूड़े की फीस से सैहब कर्मचारियों का वेतन तक भी निगम नहीं दे पा रहा है।

सैहब सुपरवाइजर कर चुके हैं लाखों का घोटाला

सैहब सुपरवाइजर इससे पहले कूड़े की फीस मेंं लाखों रुपए का घोटाला कर चुके हैं। कूड़े की फीस वसूली में गड़बड़ी करने पर नगर निगम ने करीब 13 सुपरवाइजरों को नौकरी से निकाल दिया था इसके बाद से ही लगातार वसूली का ग्राफ गिरता जा रहा है। निगम को हर महीने 40 से 45 लाख रुपए की वसूली कूड़े की फीस से होती है।

सैहब सुपरवाइजर दे रहे यह तर्क

वहीं सैहब सुपरवाइजरों का कहना है कि राजधानी शिमला में शीतकालीन अवकाश होने के कारण अधिकतर लोग अपने गांवों को चले जाते हैं, ऐसे में घरों में जनवरी-फरवरी में ताले लगे होते हैं, जिससे कलैक्शन कम हो रही है। ऐसे में प्रशासन को वेतन में कटौती नहीं करनी चाहिए। वहीं कई जगहों पर लोगों का कहना है कि पिछले कई महीनों से सुपरवाइजर पैसे लेने नहीं आ रहे हैं, ऐसे में निगम प्रशासन अब सुपरवाइजरों पर सख्ती कर रहा है।

Ekta