विधानसभा : प्री-नर्सरी कक्षाओं के सवाल पर मंत्री व विधायक के बीच तीखी नोक-झोंक

Wednesday, Mar 10, 2021 - 08:11 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्री-नर्सरी कक्षाओं को चलाने को लेकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी व माकपा विधायक राकेश सिंघा के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। विधायक राकेश सिंघा ने आरोप लगाया कि मंत्री को अपने ही विभाग का पता नहीं है, ऐसे में वह क्या विभाग चला रही हैं। उनकी इस तल्ख टिप्पणी पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने सदस्य को अपनी जुबान पर लगाम लगाने की सलाह दी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि विधायक संभवतया बाहर झंडा उठाकर जाना चाहते हैं।

विधायक राकेश सिंघा ने मंत्री से मांगी माफी

इस तल्ख टिप्पणी के बीच विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विधायक को सही शब्दों का प्रयोग करने की बात कही जिस पर राकेश सिंघा ने मंत्री से तुरंत माफी मांग ली। सरवीण चौधरी ने कहा कि प्री-प्राइमरी कक्षाएं चलाना शिक्षा विभाग का काम है। उन्होंने कहा कि सरकार झंडा उठाने की बजाय काम करने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में स्टेट लेवल टास्क फोर्स गठित की गई है। उन्होंने कहा कि प्री-नर्सरी कक्षाओं को बंद करने की कोई योजना नहीं है।

कोरोना से नहीं हुई किसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मृत्यु

मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के कारण किसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की मृत्यु नहीं हुई है। उन्होंने विधायक रमेश धवाला की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ड्यूटी पर लगाया गया था। बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आशा वर्कर की तर्ज पर अतिरिक्त मानदेय दिया गया है तथा शेष जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय दिए जाने का मामला स्वास्थ्य विभाग से उठाया गया है।

प्रमाण पत्र बनाने में नहीं हो रही देरी

मंत्री सरवीण चौधरी ने विधायक पवन कुमार काजल की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में इस बात से इंकार किया कि कांगड़ा सहित प्रदेश के किसी अन्य स्थान पर आय प्रमाण पत्र बनाने में किसी तरह की परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में वाॢषक आय सीमा पात्रता 35,000 रुपए में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसी तरह महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित मदर टैरेसा असहाय मातृ संबल योजना व मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत भी लाभ प्राप्त करने के लिए वार्हषक आय सीमा 35,000 रुपए है।

पुल व सड़क निर्माण पर राशि व्यय

मंत्री सरवीण चौधरी ने विधायक रविंद्र कुमार की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत पुलों के निर्माण के लिए 17747.40 लाख रुपए व सड़क निर्माण के लिए 60174.08 लाख रुपए आबंटित किए गए हैं।

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Vijay