सेब बागवानों पर आफत बनकर बरसी बेमौसमी बारिश, मंडियों में नहीं मिल रहे अच्छे दाम

Friday, Sep 27, 2019 - 03:54 PM (IST)

ठियोग (सुरेश): प्रदेश में मौसम की बेरुखी इस बार किसानों और बागवानों पर आफत बनकर बरसी है। प्रदेश की मुख्य आर्थिकी सेब पर मौसम का सितम सितम्बर में भी जारी है। बेमौसमी बारिश ने इस बार बागवानों की हालत खस्ता कर दी है। अक्तूबर महीना आ गया है लेकिन अभी तक मध्य इलाकों का सेब भी बगीचों में ही पड़ा हुआ है और बारिश है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। पिछले 2 दिनों से प्रदेश में हो रही बारिश ने बागवानों की बेचैनी और बढ़ा दी है। सेब का तुड़ान नहीं हो पा रहा है। बागवानों का कहना है कि इस बार सेब के लिए मौसम शुरू से ही खराब रहा। पहले देरी से फ्लावरिंग हुई और फिर बाद में लगातार बरसात से सेब हरा रह गया। जो सेब अगस्त के महीने में बिकता था वो अक्तूबर में भी तैयार नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते सेब के दाम भी कम मिल रहे हैं और बागवानों को इससे बहुत नुक्सान हो रहा है।

बेमौसमी बारिश ने बागवानों की आर्थिक कमर तोड़ दी है। इस समय जब मौसम साफ होता था, उस समय बारिश हो रही है। बागवानों का कहना है कि सेब पेड़ों में ही लटक रहा है और बगीचों में सड़ रहा है। पहले ही बरसात में भारी नुक्सान हुआ है और अब ये बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है, जिससे सेब के दामों में 300 से 400 रुपए का फर्क एक पेटी पर पड़ रहा है। जो सेब की पेटी अच्छे दाम में बिकती थी उस सेब की पेटी के बी ग्रेड जैसे दाम भी नहीं मिल रहे हैं, जिसका बगावनों को भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है।

बता दें कि सेब की फसल इस साल बागवानों के लिए आफत बनी हुई है। देरी से तैयार होने के कारण सेब का आकार छोटा रहना और सेब में रंग न आने से बागवानों को बहुत नुक्सान उठाना पड़ रहा है, जिससे मंडियों में सेब के दाम अच्छे नहीं मिल पा रहे हैं और अब फिर से ही रही बैमोसमी बारिश से बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं हैं।

Vijay