‘अपना घर’ में अपनों के प्यार से 60 वर्षीय पप्पू की दुनिया रोशन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 08, 2021 - 12:01 AM (IST)

भगेड़ (बिलासपुर) (रणजीत): अपना घर में अपनों जैसा प्यार और दुलार का ही नतीजा है कि न बोल सकने और न देख सकने वाला 60 वर्षीय पप्पू अब देखने लगा है और चलने-फिरने भी। पप्पू एक ऐसा व्यक्ति है, जिसका दुनिया में कोई नहीं है और दुर्भाग्य ऐसा कि न तो उसे दिखाई देता है, न बोल पाता है और न ही चल-फिर सकता है। एक जगह पड़ा है तो सो गया, मांगने के लिए आवाज भी साथ नहीं देती, ऐसे में उसके लिए फरिश्ता बनी अपना घर की टीम। मानव सेवा ट्रस्ट के बैनर तले चल रहे वृद्धाश्रम यानी अपना घर के स्टाफ  को जब उसके दियोली में होने की सूचना मिली तो वृद्धाश्रम की टीम उसे रैस्क्यू करने के लिए स्वारघाट की ओर रवाना हो गई। सड़क के किनारे पड़े इस व्यक्ति को उठाया गया तथा घागस लाया गया। यहां पर अपना घर के स्टाफ ने उसकी तीमारदारी शुरू की। जिला अस्पताल में मनोरोग चिकित्सक के सान्निध्य में जब ट्रीटमैंट चली तो यह व्यक्ति धीरे-धीरे चलने-फिरने लग गया।

पप्पू के लिए ये रब जैसे

जिला अस्पताल में ट्रस्ट के संस्थापक प्रकाश बंसल ने इस व्यक्ति की आखों को लेकर नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. निशांत वर्धन से बात की तो चिकित्सक  को उम्मीद की किरण नजर आई। उन्होंने ऑप्रेशन द्वारा पप्पू की आंखों में रोशनी लौटाने की आशा व्यक्त की। ऐसे में आंखों में पडऩे वाले लैंस तथा अन्य दवाइयों का तमाम खर्च जिला अस्पताल के भीतर फैडरेशन की दवाइयों की दुकान के संचालक एवं समाजसेवी भीष्म कुमार शर्मा ने उठाया। 4 दिन पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. निशांत वर्धन ने पप्पू की आंख का ऑप्रेशन किया और वास्तव में चमत्कार हुआ है, पप्पू की आंख की रोशनी लौट आई है। इस बारे में हालांकि कुछ कहा नहीं जा सकता कि पप्पू को पहले दिखता था या नहीं या यह जन्म से अंधेपन का शिकार था लेकिन डाॅ. निशांत वर्धन का प्रयास सफ ल रहा है। अब पप्पू अपना घर में खुश है तथा अपने सहयोगियों तथा अन्य स्टाफ सदस्यों को पहचानने लगा है। यही नहीं, अपना घर के स्टाफ सदस्यों के व्यवहार एवं प्रेम के कारण पप्पू धीरे-धीरे बोलने की कोशिश भी करने लगा है। अपना घर के स्टाफ  की मानें तो ऑप्रेशन के बाद पप्पू के जीवन में जबरदस्त बदलाव आया है। पप्पू अब पहचानने के लिए आइडिया लगा रहा है तथा व्यक्ति की ओर देखकर मुस्कुरा भी रहा है।

अपनों से दुत्कारे 19 लोग रह रहे यहां

उल्लेखनीय है कि एक साल पूर्व शुरू हुए इस वृद्धाश्रम ने कई बेसहारा तथा अपनों द्वारा दुत्कारे बुजुर्गों को आश्रय दिया है। वर्तमान में 19 लोग यहां सुख-चैन से जीवन बसर कर रहे हैं। ट्रस्ट सदस्यों द्वारा इन बुजुर्गों का पूरा ध्यान रखा जाता है। खाना-पीना, दवाई व मैडीकल चैकअप आदि हर जरूरत का विशेष ध्यान रखा जाता है।

ट्रस्ट और जनता के सहयोग से चल रहा ‘अपना घर’

संस्थापक प्रकाश बंसल की मानें तो अभी यह वृद्धाश्रम केवल ट्रस्ट तथा जनता के सहयोग से चल रहा है। सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई भी सहायता नहीं मिलती है।

सरकार से नहीं मिली मंजूरी

हालांकि जिला सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा कई बार इस वृद्धाश्रम का निरीक्षण व सर्वे आदि किया जा चुका है। यही नहीं, विभाग द्वारा कई ऑब्जैक्शन भी लगाए गए, जिन्हें ट्रस्ट द्वारा पूर्ण भी कर दिया गया है लेकिन अभी तक इस ओर सरकार से कोई मंजूरी नहीं मिली है, जबकि यहां पर सदस्यों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।

क्या बोेले मानव सेवा ट्रस्ट सुंदरनगर के प्रवक्ता

मानव सेवा ट्रस्ट सुंदरनगर के प्रवक्ता विजय कुमार ने बताया कि दयोली में मानव सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित वृद्धाश्रम यानी अपना घर में रहने वाले सभी सदस्यों का उनके अपनों से ज्यादा ख्याल रखा जाता है, ऐसे में पप्पू की आंखों की रोशनी का लौटना किसी चमत्कार से कम नहीं है। पप्पू के चेहरे पर खुशी के भाव लाने के लिए मनोरोग चिकित्सक डाॅ. महेंद्र, नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. निशांत वर्धन, समाजसेवी भीष्म कुमार शर्मा तथा अपना घर के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं।


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Vijay

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