अमित शाह ने दिया जवाब, लाहौल-स्पीति को लद्दाख में शामिल करने का नहीं कोई प्रस्ताव

Saturday, Nov 02, 2019 - 10:23 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): केंद्र सरकार के पास हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति सहित चम्बा के पांगी क्षेत्र को लद्दाख में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह बात हिमाचल के कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कही है। अमित शाह ने रामलाल मारकंडा को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि यदि ऐसा कोई प्रस्ताव भी आता है तो भी राज्य सरकार को पूछा जाएगा। इससे लाहौल-स्पीति के बाशिंदों ने राहत की सांस ली है।

लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के युवा विंग ने उठाई थी मांग

उल्लेखनीय है कि लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के युवा विंग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर लाहौल-स्पीति सहित पांगी को लद्दाख में शामिल करने की मांग उठाई थी। तर्क दिया गया है कि मुगल और डोगरा शासकों के दौर में लाहौल-स्पीति लद्दाख राज्य का ही हिस्सा था। कहा गया कि लाहौल-स्पीति और पांगी के लोगों की वेशभूषा तथा रहन-सहन भी लद्दाख के लोगों जैसा है। इसके विरोध में बीते सितम्बर माह में कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर लद्दाख में शामिल करने की मांग को शरारतपूर्ण बताया था। उन्होंने केंद्र से यथास्थिति बनाने रखने का आग्रह किया था।

उत्तर में लद्दाख से लगती हैं जिला की सीमाएं

लाहौल-स्पीति जिला की उत्तर में लद्दाख भू-भाग से सीमाएं लगती हैं। पूर्वी सीमा तिब्बत तथा दक्षिण सीमाएं किन्नौर व कुल्लू जिला से लगती हैं। केलांग लाहौल-स्पीति जिला का मुख्यालय है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति 12,224 वर्ग किलोमीटर में फैला है। क्षेत्रफल के आधार पर यह हिमाचल का सबसे बड़ा जिला है। लाहौल और स्पीति ऊंची पर्वतमाला के कारण शेष दुनिया से कटा हुआ है।

केंद्र ने दिया जवाब : मारकंडा

कृषि मंत्री एवं विधायक लाहौल-स्पीति डॉ. रामलाल मारकंडा ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके लिखे पत्र का जवाब दे दिया है। केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि लाहौल-स्पीति व पांगी को लद्दाख में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

Vijay