उद्योग विभाग की सूची में संशोधन, 14 श्रेणी के उद्योग नैगेटिव लिस्ट में शामिल

Wednesday, Mar 13, 2019 - 10:45 PM (IST)

शिमला: राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नैगेटिव लिस्ट वाले उद्योगों की सूची को संशोधित किया गया है। इसके तहत नैगेटिव लिस्ट में 14 श्रेणी के उद्योगों को शामिल किया गया है। उद्योग विभाग ने इस संशोधन के बाद अधिसूचना को जारी कर दिया है। अधिसूचना के अनुसार तंबाकू, सिगरेट व पान मसाला से जुड़े उद्योगों को सूची में शीर्ष पर रखा गया है। इसके बाद थर्मल पावर प्लांट (कोयला/तेल पर आधारित), कोल वॉशरी/ड्राई कोल प्रोसैसिंग को रखा गया है। कलर, पेंट और घरों में इस्तेमाल की जाने वाली पुट्टी, मिनरल ऑयल, सीमैंट, क्लींकर, कैमिकल फैक्टरी, पेपर, नॉन बायोडिग्रेडेबल मैटीरियल, फायरवुड व चारकोल शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि ये ऐसे उद्योग हैं, जिनसे पर्यावरण को नुक्सान पहुंचता है, ऐसे में सरकार का प्रयास रहता है कि राज्य में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को कम प्रोत्साहन दिया जाए, इसी कारण ऐसी इकाइयों को नैगेटिव लिस्ट में शामिल किया जाता है। इन उद्योगों को अन्य औद्योगिक इकाइयों की तरह रियायतें नहीं मिल पातीं।

85,000 करोड़ निवेश का लक्ष्य

सरकार की तरफ से जून माह में आयोजित की जाने वाली वैश्विक इन्वैस्टर मीट में 85,000 करोड़ रुपए निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए नियमों का सरलीकरण भी किया जा रहा है। सरकार की तरफ से न केवल उद्योगों में, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इसे तहत कृषि क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपए, उत्पादन में 15,000 करोड़ रुपए, पर्यटन में 10,000 करोड़ रुपए, ऊर्जा में 20,000 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य में 5,000 करोड़ रुपए, इंफ्रास्ट्रक्चर 20,000 करोड़ रुपए और आई.टी. क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है। इन्वैस्टर मीट से पहले राज्य में 159 समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस करार से राज्य में 17,356 करोड़ रुपए का निवेश आने की संभावना है, जिसमें 40,911 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

Vijay