सातवें आसमान पर पहुंचा वकीलों का गुस्सा, हाईकोर्ट परिसर में जज के खिलाफ की नारेबाजी

Thursday, Jul 25, 2019 - 07:04 PM (IST)

शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के बाहर पहली बार वकीलों ने सीटिंग जज के खिलाफ नारेबाजी की। राजधानी शिमला में प्रतिबंधित मार्गों में हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार वकीलों की गाडिय़ां रोकने से शिमला के वकील खासे गुस्से में हैं और मामले को लेकर पिछले 4 दिनों से कामकाज ठप्प कर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। मामला सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इसी कड़ी के चलते वीरवार को वकीलों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने प्रतिबंधित मार्गों पर उनकी गाडिय़ां रोकने वाले जज के खिलाफ ही हिमाचल हाइकोर्ट के परिसर में मोर्चा खोल दिया। हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वकीलों ने हाईकोर्ट परिसर में ही नारेबाजी कर अपना विरोध जताया हो।

2 घंटे तक चली बातचीत में मिला ये आश्वासन

वकीलों के प्रदर्शन के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने बातचीत का न्यौता दिया। 2 घंटे तक चली बातचीत के बाद शिमला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव सरकैक ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश से सकारात्मक बातचीत हुई है, जिसमें वकीलों की मांगों को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने का आश्वासन दिया है। वकीलों के ऊपर हुई एफ.आई.आर. पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बात कही गई है। अब बार एसोसिएशन 26 जुलाई को आम सभा बुलाकर आगे की रणनीति तैयार करेगी। उन्होंने बताया कि सील्ड रोड वकीलों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी खुलने चाहिए।

शिमला में करीब 14 प्रतिबंधित मार्ग

गौरतलब है कि शिमला में करीब 14 प्रतिबंधित मार्ग हैं, जिनमें से 6 रोड सील्ड तो 8 रोड रिस्ट्रिकटिड हैं, जिनको शिमला रोड यूजर एंड पडेस्टीरियन एक्ट 2007 के तहत पब्लिक सेफ्टी के लिहाज से प्रतिबंधित रखा गया है लेकिन इन सड़कों पर या तो विशेष वी.आई.पी. या आपातकाल की गाडिय़ों ले जाने की इजाजत है जबकि अन्यों की गाडिय़ों को ले जाने के लिए गृह विभाग की विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। पहले इन मार्गों पर वकीलों को जाने की इजाजत थी लेकिन ताजा आदेशों के बाद वकीलों भी को इन मार्गों पर जाने से रोका जा रहा है। इसी को लेकर वकील अपना काम-धंधा छोड़कर सड़कों पर उतरे हैं।

Vijay