नौकरी छोड़ अपनाई खेती, युवाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरे लोकपाल

Wednesday, Feb 06, 2019 - 04:22 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): मन में कुछ कर गुजरने की हो तो रास्ते खुद ब खुद बन जाते हैं और इंसान अपनी मंजिल तक पहुच ही जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है सुंदरनगर के लोकपाल ठाकुर ने। सुंदरनगर के डोडवां गांव के लोकपाल ठाकुर की किसानी आज के युवाओं के लिए किसी प्रेरणा स्त्रोत से कम नहीं है। लोकपाल ने नौकरी छोड़ कर व्यावसायिक खेती को अपनाया है जोकि आज बेरोजगार युवाओं के लिए आजीविका कमाने के लिए मार्गदर्शक के रूप में भी उभरे हैं, साथ ही वह एक मॉडल पॉलीहाउस सब्जी उत्पादक बनकर उभरे हैं। कृषि वि.वि. पालमपुर के कृषि प्रशिक्षणार्थियों को भी पॉलीहाऊस के अंदर खेतीबाड़ी करने का ज्ञान बांटते है।

खेती का है 8 वर्ष का अनुभव

लोकपाल ठाकुर ने पॉलीहाउस में उत्पादित सब्जियों की बिक्री के लिए मार्कीटिंग की एक मिसाल कायम की है। वह अपनी सब्जियों को चिकन कॉर्नर, बेकरी तथा सीधे ही रिटेलर को बेचते हैं। इसके अतिरिक्त रविवार को जवाहर पार्क में लगने वाली सब्जी मंडी में वे स्वयं दुकान लगाकर सब्जी बेचते हैं। लोकपाल ठाकुर ने हायर सैकेंडरी तक शिक्षा ग्रहण की है तथा उन्हें लगभग 8 वर्ष का खेती का तथा पॉलीहाऊस में सब्जी उत्पादन का 4 वर्ष का अनुभव है। उन्होंने कम्प्यूटर में डिप्लोमा करने के बाद एक वर्ष तक मुंशी का कार्य करने का अनुभव प्राप्त किया और वर्ष 2005 से 2013 तक निजी कंपनी में मुंशी की नौकरी की। इस नौकरी से उन्हें मात्र 2500 से 6000 रुपए प्रतिमाह ही मिला करते थे जोकि उनके परिवार का खर्च चलाने में बहुत कम था। उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी।

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने किया प्रेरित

नौकरी छोडऩे के बाद कृषि विज्ञान केंद्र मंडी स्थित सुंदरनगर में वैज्ञानिकों के संपर्क में आए। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने उन्हें संरक्षित खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया, साथ ही उन्हें कृषि विभाग की पंडित दीन दयाल किसान बागवान समृद्धि योजना से अनुदान लेकर पॉलीहाऊस बनाने के लिए प्रेरित किया। इसी दौरान उन्होंने पॉलीहाऊस में खेती पर चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से 4 दिवसीय प्रशिक्षण ग्रहण किया। उन्होंने दिसम्बर, 2013 में 504 वर्ग मीटर पॉलीहाऊस का निर्माण किया, जिसके लिए उन्हें 80 प्रतिशत अनुदान कृषि विभाग से प्राप्त हुआ। कृषि विज्ञान केंद्र (के.वी.के.) सुंदरनगर के वैज्ञानिकों ने उन्हें इस पॉलीहाऊस में शिमला मिर्च की पलादीन किस्म को उगाने की जानकारी प्रदान की तथा मार्च, 2014 में उन्होंने इस पॉलीहाऊस में शिमला मिर्च की रोपाई की तथा समय-समय पर वैज्ञानिकों के संपर्क में रहकर वैज्ञानिक जानकारी को अपने पॉलीहाऊस में अपनाया और आज पॉलीहाऊस में खेती कर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।

ये अपनाईं तकनीकें

लोकपाल ठाकुर ने प्लग ट्रे में पौध उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन व प्रयोग, फर्टीगेशन प्रौद्योगिकी, प्रुनिंग व ट्रेनिंग, एकीकृत पौषक तत्व प्रबंधन, एकीकृत रोग व कीट प्रबंधन व आवश्यकतानुसार पौध संरक्षण उपाय अपनाए।

दोस्त बोले खेती का रास्ता गलत, माता-पिता और पत्नी ने दिया साथ

लोकपाल ठाकुर का कहना है कि जब मैंने नौकरी छोड़कर किसानी की तरफ हाथ बढ़ाया तो रिश्तेदार और दोस्त कहने लगे यह गलत रास्ता है यहां पैसा नहीं कमाया जा सकता तो मैं बहुत परेशान हुआ और एक साल खेती करने के बाद भी कोई पैसा हाथ नहीं लगा लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और माता-पिता और पत्नी ने उस समय बहुत साथ दिया और आज में घर का खर्च चलाने के बाद भी 25 से 30 हजार रुपए महीना बचा रहा हूं।

क्या कहते हैं के.वी.के. सुंदरनगर के प्रभारी

डॉ. पंकज सूद प्रभारी के.वी.के. सुंदरनगर ने बताया कि लोकपाल ठाकुर क्षेत्र से एक अग्रिणी किसान बन कर उभरे हैं। पॉलीहाऊस से बेहतर परिणाम मिलने के बाद लोकपाल का विश्वास और अधिक बढ़ा और उन्होंने 126 वर्गमीटर पॉलीहाऊस का निर्माण करवाया। पॉलीहाऊस में उन्होंने पहले ही वर्ष शिमला मिर्च, धनिया, मूली व फ्रासबीन की खेती कर 70 हजार की आय अर्जित की थी। अब पॉलीहाऊस में सब्जी उत्पादन से उनकी आजीविका सुरक्षित हुई है। कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर से उन्होंने एग्रीकल्चर स्किल कौंसिल ऑफ इंडिया के अंतर्गत 200 घंटे का एग्रीकल्चर एक्सटैंशन सर्विस प्रोवाइडर विषय पर कौशल प्रशिक्षण भी सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया है। अब लोकपाल अपने पॉलीहाऊस में किसानों और प्रशिक्षणार्थियों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं।

Vijay