प्रशासन की पहली कार्रवाई, DC ऑफिस में लोगों से लूट पर 7 वकीलों को नोटिस

Friday, Apr 26, 2019 - 01:32 PM (IST)

शिमला (राजेश): जिलाधीश कार्यालय शिमला परिसर में गरीब लोगों को उनके कार्य शीघ्र करवाने के झांसे में लूट करने वाले 7 बिचौलिए अधिवक्ताओं को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किए हैं। इन नोटिस के तहत उनसे इस मामले में लगे आरोपों पर जानकारी मांगी है। आगामी समय जांच में आए अधिवक्ताओं को अधिकारियों के सामने भी पूछताछ की जाएगी। प्रशासन ने यह नोटिस जिला प्रशासन के ही एक अधिकारी नायब तहसीलदार द्वारा जिलाधीश व एस.डी.एम को दी गई दो शिकायतों पर दिए हैं। नायब तहसीलदार द्वार पहली शिकायत 6 अप्रैल को प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी गई थी।  

पहली शिकायत

एस.डी.एम. व जिलाधीश को दी गई पहली शिकायत में नायब तहसीलदार ने शिकायत दी थी कि जिलाधीश कार्यालय परिसर के बाहर कुछ गरीबों लोगों को उनका कार्य करवाने के लिए अधिक धनराशि वसूली जा रही है। जिस पर उन्होंने परिसर का दौरा कर और लोगों की शिकायत पर जानकारी जुटाई है। परिसर के निरीक्षण में कुछेक लोग इस लूट में संलिप्त पाए गए, जिसमें एक अधिवक्ता व लोअर बाजार में एक साइबर कैफे चलाना वाला शामिल था। उन्होंने इस शिकायत के तहत लोगों से लूट करने वाले लोगों पर रोक लगाने की मांग की। इस पर एस.डी.एम. ने यह रिपोर्ट डी.सी. शिमला को दी थी, जहां से डी.सी. शिमला राजेश्वर गोयल ने ए.डी.एम. लॉ एंड ऑर्डर को जांच के निर्देश दिए थे। 

दूसरी शिकायत

दूसरी शिकायत में नायब तहसीलदार ने नायब तहसीलदार कार्यालय में देर शाम कर्मचारी के छुट्टी पर चले जाने के बाद एक अधिवक्ता द्वारा एग्रीमैंट पर स्टैंप लगाने की शिकायत दी थी। कार्यालय में बिना पूछे स्टैंप लगाने के बाद अधिवक्ता द्वारा अधिकारी को धमकी भी दी गई। एक अधिवक्ता द्वारा बिना पूछे दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ की शिकायत को भी लिखित में एस.डी.एम को शिकायत दी। इस शिकायत में 7 वकीलों के नाम भी शामिल किए थे। एक बार फिर डी.सी. ने दोनों मामलों को लेकर ए.डी.एम. लॉ एंड ऑर्डर को जांच के निर्देश दिए।

‘बिचौलियों व वकीलों के झांसे में आने की जरूरत नहीं, सीधे तहसीलदार से मिलें’

उधर, डी.सी. ऑफिस शिमला में विभिन्न प्रमाण पत्र, शपथ पत्र,  वसीयत बनाने और रजिस्ट्रेशन सहित अन्य कार्यों के लिए लोगों को कार्यालय के बाहर घूम रहे बिचौलियों व वकीलों के झांसे में आने की जरूरत नहीं है। लोग सीधे शिमला शहरी व ग्रामीण तहसीलदार व नायब तहसीलदार के पास पहुंच सकते हैं और अपने कार्य करवा सकते हैं। डी.सी. ऑफिस में पूर्व में रहे नायब तहसीलदार एच.एल गेच्टा द्वारा कार्यालय में बिचौलियों, वकीलों व नोटरी के साथ मिलकर लोगों को लूटने का मामला उजागर करने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है और जिलाधीश कार्यालय आने वाले लोगों को लूट न सकें इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। 

इस मामले की जांच को लेकर जिलाधीश राजेश्वर गोयल ने ए.डी.एम. लॉ एंड ऑडर प्रभा राजीव को भी इसकी रिपोर्ट पर जांच करने के आदेश जारी किए हैं, जिस पर जांच की जा रही है। तहसीलदार व नायब तहसीलदार के कार्यालय के बाहर एक सूचना भी लोगों के लिए चिपका दी है, जिसमें लिखा गया है कि अपने कार्य के लिए स्वयं आएं, किसी के माध्यम से आने की जरूरत नहीं है। यदि आप का कार्य नियमानुसार होगा तो आप को किसी भी माध्यम से आने की जरूरत नहीं है। यदि कार्य नियमानुसार नहीं होगा तो सिफारिश भी काम नहीं आएगी। अधिकारियों ने यह भी साफ किया है कि किसी भी प्रमाण पत्र बनाने के लिए उनसे पैसों की मांग की जाती है तो इसकी शिकायत भी सीधे अधिकारियों से की जा सकती है। संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। 

ऐसी होती है डी.सी. ऑफिस में लूट 

जिला प्रशासन को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार पिछले कई सालों से डी.सी. ऑफिस कार्यालय के बाहर बिचौलिए, वकील, नोटरी से मिलकर लोगों की लूट हो रही है, क्योंकि नोटरी का कार्य किसी भी एफि डेवट व रजिस्टे्रशन कार्य सहित एफिडेविट को सत्यापित करना होता है लेकिन कार्यालय के बाहर भोले-भाले लोगों की ताक में खड़े विभिन्न तरह के काम करवाने के लिए पहले तो लोगों की मदद करते हैं और बाद में मोटी रकम भी वसूलते हैं। हांलाकि नोटरी संबंधी कार्यों के लिए फीस निर्धारित है लेकिन फीस से अधिक पैसे वसूले जाते हैं। 

Ekta