4751 करोड़ के प्रोजैक्ट की फंडिंग को ADB का इंकार

Friday, Apr 12, 2019 - 12:08 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र): एशियन डिवैल्पमैंट बैंक (ए.डी.बी.) ने 4751 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट की फंडिंग के लिए इंकार कर दिया है। सूत्रों की मानें तो डबलिंग ऑफ फॉर्मर इनकम प्रोजैक्ट का वित्त पोषण करने को ए.डी.बी. तैयार नहीं है। इसके पीछे हिमाचल के लिए पहले से मंजूर 4 परियोजनाओं का तर्क दिया जा रहा है। इनमें 2 परियोजनाएं बागवानी तथा एक-एक परियोजना आई.पी.एच. व पर्यटन की शामिल है। ए.डी.बी. की न के बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर किसी दूसरी फंडिंग एजैंसी से डबलिंग ऑफ फॉर्मर इनकम प्रोजैक्ट का वित्त पोषण करने का आग्रह किया है, क्योंकि हिमाचल का आई.पी.एच. महकमा इस प्रोजैक्ट पर काफी काम कर चुका है। डबलिंग ऑफ फॉर्मर इनकम प्रोजैक्ट के तहत प्रदेश की प्रमुख नदियों का पानी लिफ्ट करकेकिसानों के खेतों तक पहुंचाने की योजना है, ताेिह्यक किसानों की ज्यादा से ज्यादा जमीन को सिंचाई योग्य बनाया जा सके। 

प्रदेश में विभिन्न फसलों के अधीन लगभग 20 फीसदी जमीन ही सिंचाई योग्य है। लिहाजा 80 फीसदी जमीन पर किसानों की फसलें बारिश के पानी पर निर्भर रहती हैं। ऐसे में नदियों का पानी खेतों तक पहुंचाकर किसानों को विभिन्न वाणिज्यिक फसलें उगाने के लिए प्रेरित करना इस परियोजना का मूल मकसद है। प्रदेश में पब्बर, यमुना, ब्यास, चिनाब व सतलुज जैसी बड़ी नदियां बहती हैं, लेकिन इनका ज्यादातर पानी विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के कारण इस्तेमाल नहीं हो पाता। इस परियोजना के तहत जयराम सरकार ने इन नदियों का पानी खेतों तक लाकर साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अब राज्य सरकार को नई फंडिंग एजैंसी का इंतजार करना होगा। यह सब केंद्रीय वित्त मंत्रालय पर निर्भर करेगा।

इन परियोजनाओं का वित्त पोषण कर रहा ए.डी.बी.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बीते साल हिमाचल के लिए 4 परियोजनाएं मंजूर की हैं। इनमें 1688 करोड़ का सब-ट्रॉपिकल फ्रूट्स प्रोजैक्ट, 793 करोड़ की री-मॉडलिंग ऑफ ओल्ड आई.पी.एच. स्कीम, 1900 करोड़ का पर्यटन विकास प्रोजैक्ट तथा 423 करोड़ की एकीकृत मशरूम विकास परियोजना शामिल है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस प्रोजैक्ट को फंडिंग के लिए ए.डी.बी. को भेज रखा है। अक्तूबर ,2018 में केंद्र ने डबलिंग ऑफ फॉर्मर इनकम प्रोजैक्ट को भी मंजूर किया और इसे भी वित्त पोषण के लिए ए.डी.बी. को भेजा, लेकिन ए.डी.बी. अब इस प्रोजैक्ट से अपने हाथ पीछे खींच चुका है।

Ekta