शिमला में रैस्टोरैंट कर्मी की ह.त्या मामले में आरोपी गिरफ्तार, पुलिस के सामने कबूला गुनाह

Tuesday, Feb 27, 2024 - 09:08 PM (IST)

शिमला (संतोष): शिमला में वेक एंड बेक रैस्टोरैंट के कर्मी मनीष की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी आरोपी सतेंद्र पाल (29) निवासी मकान नंबर-89, वार्ड नंबर-5 राणिया, सिरसा हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने हत्यारोपी को मंगलवार तड़के करीब 5 बजे चंडीगढ़ के पास से गिरफ्तार किया है। पुलिस के सामने दिए बयान में हत्यारोपी ने कबूल किया कि उसने वारदात के दिन घर जाने के लिए रेस्तरां के मैनेजर से पैसे मांगे थे। मैनेजर ने उसे एक हजार रुपए दिए लेकिन उसे ज्यादा पैसे चाहिए थे। आरोपी को पता था कि शनिवार और रविवार को हुई सेल का पैसा दुकान में रखा है। आरोपी ने रविवार रात रेस्तरां बंद करते समय स्टाफ को झांसे में लिया और रेस्तरां की ऊपरी मंजिल के रास्ते के दरवाजे की कुंडी खुली छोड़ दी। रेस्तरां के निचली मंजिल के शटर को बंद करके कर्मी बाहर निकलते थे। योजनाबद्ध तरीके से आरोपी रात करीब 12.30 बजे सीसीटीवी की जद्द से बचने के लिए पीठ के बल सीढ़ियों में चढ़कर रेस्तरां में घुसा और करीब 45 हजार रुपए चुरा लिए। जब वह नीचे उतर रहा था तो मनीष ने उसे देख लिया और उसे रोकना चाहा। इसी बीच में उनके बीच हाथापाई हो गई। हत्यारोपी ने मनीष पर गंडासे से वार किए और बचाव में मनीष ने भी उस पर वार किया।

पुलिस ने आरोपी को ऐसे किया गिरफ्तार
पुलिस हत्यारोपी की तलाश में निकली हुई थी और बताया जाता है कि सोमवार सुबह आरोपी की लोकेशन चंडीगढ़ की निकली लेकिन कुछ देर बाद ही उसने फोन बंद कर दिया। आरोपी के बैंक खाते की डिटेल खंगाली गई तो पता चला कि दोपहर करीब 12 बजे एक खाते से यूपीआई ट्रांजैक्शन हुई है और एक नंबर पर रिचार्ज किया गया है। आरोपी को पकड़ने के लिए चंडीगढ़ और हरियाणा में टीमें अलर्ट हो गईं और मंगलवार सुबह करीब 5 बजे उसे दबोच लिया। पुलिस हत्यारोपी को बुधवार को अदालत में पेश करेगी, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। एसएचओ सदर थाना धर्म सेन नेगी ने इस बात की पुष्टि की है।

हत्यारोपी के शिमला पहुंचने के बाद परिजन ले गए शव, आज होगा अंतिम संस्कार
मालरोड शिमला में वेक एंड बेक कैफे में काम करने वाले मृतक मनीष के शव को परिजन उस समय आईजीएमसी से ले गए, जब हत्यारोपी को शिमला लाया गया। बुधवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिजनों ने इससे पहले एसडीएम कार्यालय का भी घेराव किया था और मंगलवार सुबह से लेकर आईजीएमसी में डटे रहे। करीब 4 बजे वह शव को लेकर अपने गांव को रवाना हुए। प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को 20 हजार रुपए की फौरी राहत दी गई है। उधर, परिजनों सहित अन्य लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। लोगों का कहना है कि जो पुलिस कंट्रोल रूम 24 घंटे खुला रहता है, उसके दरवाजे बंद थे और मनीष को ऑफिसर रूम के दरवाजे का शीशा तोड़ना पड़ा। रात को हुई वारदात के तुरंत बाद सुबह वहां से खून आदि साफ किया गया।
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Content Writer

Vijay