एक ऐसी शिव गुफा, जहां से निकलती है डमरू बजने की ध्वनि

punjabkesari.in Friday, Feb 24, 2017 - 07:12 PM (IST)

सोलन (चिनमय कौशल): हिमाचल प्रदेश को देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि प्रदेश मे कई स्थान ऐसे हैं जहां भगवान शिव अवतार के रूप मे विराजमान हंै। सोलन के आसपास भी अनेक शिव मंदिर व गुफाएं मौजूद हैं। इसी तरह की प्राचीन शिव गुफा सोलन से करीब 7 किलोमीटर दूर गांव पट्टाघाट के समीप शिव ढांक में स्थापित है, जहां महाशिवरात्रि के दिन शिव गुफा में विराजमान शिवलिंग की पूजा-अर्चना के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। इस गुफा के मुख्यद्वार पर एक बड़ी पत्थर की शिला है। आज सोलन के सभी शिव मन्दिरों में भक्तजन लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए देखने को मिले। 

2 थनों से आज भी शिवलिंग पर गिरता है जल
वहीं सोलन से लगभग 7 किलोमीटर का सफर बस से और 2 किलो मीटर का सफर दुर्गम रास्ता पैदल चलकर श्रद्धालु बम-बम भोले के उद्घोष के साथ शिव ढांक नामक स्थान तक पहुंचते हैं। जहां प्राचीन गुफा में भगवान शिव शिवलिंग के रूप मे विद्यामान हैं। गुफा की छत से पत्थर के 4 थन बने हुए हैं जिसमें से 2 टूट गए हैं तथा 2 थनों में से अभी भी शिवलिंग पर जल गिरता रहता है। 

पत्थर की शिला को थपथपाने से निकलती है डमरू की आवाज
गुफा के बाहर तिलक कर रहे पुजारी तनुज से प्राचीन शिवलिंग और पत्थर की शिला के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पहले उनके बुुजुर्ग पुजारी के रूप मे शिव गुफा में पूजा करवाते थे। अब वे महाशिवरात्रि को पूजा करवाते हैं। पुजारी ने बताया कि गुफा के द्वार पर स्थापित पत्थर की बड़ी शिला को थपथपाने से डमरू के बजने जैसी ध्वनि निकलती है। उन्होंने यह शिला अपने हाथों से थपथपाकर भी दिखाई, जिसे देखकर टीम भी आश्चर्यचकित रह गई। 

हर मन्नत होती है पूरी
स्थानीय लोग भगवान शिव को इष्टदेव के रूप में पूजते हैं। स्थानीय निवासी तीर्थ राम ठाकुर ने बताया कि इस क्षेत्र और आसपास गांव के लोग गऊ माता का दूध ओर घी लेकर आते हंै, जिससे भगवान शिव की पूजा की जाती है। भगवान शिव के दर्शन व पूजा करने आई कुमारी कामनी ने बताया कि यहां आकर कोई भी श्रद्धालु जो भी मन्नत मांगता है वह अवश्य पूर्ण होती है। महाशिवरात्रि को यहां पर स्थानीय लोगों द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें शिव भक्त काफी संख्या में आकर शिवलिंग के दर्शन व आशीर्वाद लेकर भंडारे का प्रसाद ग्रहण करते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News