एक ऐसा नेता जिसे चुनाव में उनके पिता ने ही नहीं डाला वोट

Wednesday, May 08, 2019 - 09:26 AM (IST)

शिमला: सन् 1972 में जब पूर्व मंत्री केवल सिंह पठानिया कांग्रेस प्रत्याशी सत महाजन के खिलाफ आजाद चुनाव लड़ने के लिए उतरे तो उनके पिता करतार सिंह तथा परिवार नाराज हो गए। नाराजगी का कारण था उनका परिवार कांग्रेसी था। पूर्व मंत्री केवल सिंह पठानिया ने इस रोचक किस्से को याद करते हुए बताया कि मेरे पिता करतार सिंह ने कांग्रेस हाईकमान को सूचित कर दिया था कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन मैंने परिवार से चोरी ब्लाक समिति का अध्यक्ष रहते हुए पंचायतों में लोगों से मिलना शुरू कर दिया था क्योंकि वह अगला विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहता था। कांग्रेस ने उस समय पार्टी के कांगड़ा के अध्यक्ष सत महाजन को नूरपुर से टिकट दी। पठानिया ने बताया कि एक दिन सत महाजन उनसे मिले और कहा कि तुम मेरे खिलाफ चुनाव लड़ो। 

पठानिया ने कहा कि वह सत महाजन की चाल और दूरगामी सोच को भांप गए और मैंने आजाद चुनाव लडऩे का फैसला किया लेकिन जब उनके परिवार को इस बात का पता चला तो काफी नाराज हुए और नामांकन वापस लेकर चुनाव से पीछे हटने पर जोर डाला। केवल सिंह पठानिया के अनुसार जब उन्होंने अपने पिता तथा परिवार को बताया कि सत महाजन ने ही उनको चुनाव लडऩे के लिए कहा है तथा उन्होंने जब इसके पीछे राजनीतिक चाल बताई कि कैसे महाजन पहले मुझे अपने खिलाफ चुनावों में खड़ा करवाएंगे ताकि दूसरा कोई खड़ा न हो सके और उसके बाद चुनावों से पहले बिठा कर कांग्रेस हाईकमान को यह अहसास करवाएंगे।

प्रदेश में यशवंत परमार की तरह उनके खिलाफ भी चुनाव लडऩे वाले कोई नेता नहीं हैं। पठानिया ने दो टूक परिवार को कहा कि यदि अब मैं चुनावों से पीछे हट गया या सत महाजन के समर्थन में बैठ गया तो बजीर परिवार पर कौन विश्वास करेगा, तब केवल सिंह पठानिया के पिता ने कहा कि तुम चुनाव लड़ो लेकिन मेरा वोट कांग्रेस को जाएगा और उन्होंने मुझे वोट नहीं डाला परंतु मैं बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव जीत गया।




 

Ekta