प्रदेश पर 60 हजार करोड़ का कर्ज, 48 हजार करोड़ कांग्रेस की देन : सीएम

Friday, Feb 12, 2021 - 05:00 PM (IST)

शिमला/ नई दिल्ली : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 6 मार्च को हिमाचल का बजट प्रस्तुत करने वाले हैं। इसके पूर्व वे दिल्ली दौरे पर हैं। यहां संभावना जताई जा रही है कि बजट के पूर्व सीएम केंद्र सरकार से कुछ आर्थिक मदद मांग सकते हैं। दिल्ली पहुंचने के बाद सीएम ने कई मुद्दों पर चर्चा की है। सीएम ने कर्ज के सवाल पर कहा है कि हिमाचल पर 60 हजार करोड़ के कर्ज में से 48 हजार करोड़ का कर्जा तो पुरानी कांग्रेस सरकार ने लिया था। 

बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के चौथे बजट के साथ-साथ उत्तराखंड त्रासदी, जलवायु परिवर्तन, और राहुल गांधी की ओर से चाईना ने भारत की जमीन छीन लेने वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है। सीएम जयराम ने कहा कि कोविड 19 की वजह से पूरी दुनिया की इकोनॉमी पर फर्क आया है। भारत ऐसे संकट के बावजूद एक बेहतर बजट पेश करने में कामयाब हुआ है। साथ ही कहा कि हिमाचल का बजट एक संतुलित बजट के रूप में पेश करने की कोशिश होगी। हमारी इकोनामी लगातार इंप्रूव होती जा रही है और ग्रोथ हो रही है। केंद्र ने हिमाचल के बजट में कोई कटौती नहीं की है। हिमाचल के जो स्टेट प्रोजेक्ट अभी पेंडिंग है, मगर रिजेक्ट नहीं हुए हैं। केंद्र सरकार का सहयोग हिमाचल को मिलेगा। 

हिमाचल पर बढ़ते कर्ज पर सीएम ने कहा कि हिमाचल पर 60 हजार करोड़ का कर्ज है. इसमें 48 हजार करोड़ रुपए का लोन पुरानी सरकार ने लिया था। लंबे समय से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, जिसके कारण लोन बढ़ता गया। यह अब एक बहुत बड़ी चुनौती है। हम कोशिश करेंगे कि हमारे जो डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट हैं, उसमें कोई कठिनाई नहीं आए। वहीं, उत्तराखंड में जो घटना घटी है, वह दुखद है। हिमाचल के भी 10 लोग उसमें फंसे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश की टीम और अधिकारी वहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि हाइड्रो प्रोजेक्ट में हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड से भी आगे हैं। कई ऐसी जगह हैं, जहां ग्लेशियर का आना जलवायु परिवर्तन की समस्याएं देखने को मिलती हैं। हमने अलर्ट जारी कर रखा है और देख रहे हैं कि कहां कैसी संभावनाएं बन रही हैं और क्या चीजें एहतियात के तौर पर की जा सकती है। 

सीएम ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी क्या बोलते हैं, खुद कांग्रेस के लोग उन पर सवाल उठाते हैं। जहां भारत की अखंडता और रक्षा का सवाल है, मोदी जी भारत के ही नहीं, पूरे विश्व के मजबूत नेता हैं। ऐसे में कोई भी देश चाहे, वह छोटा हो, बड़ा हो, कम शक्तिशाली हो, ज्यादा शक्तिशाली हो, भारत के साथ हिमाकत करने की किसी में हिम्मत नहीं है। सीमाओं पर दखल का सवाल ही पैदा नहीं होता है और कांग्रेस को अपनी पार्टी की चिंता करना चाहिए।
 

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prashant sharma