40% आढ़ती अभी भी बिना लाइसैंस से खरीद रहे सेब

Tuesday, Jul 30, 2019 - 05:16 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): राजधानी के किसानों व बागवानों को आढ़तियों द्वारा खुले आम लुटा जा रहा है। नारकंडा से लेकर ढली फल मंडी तक सडक़ों पर दर्जनों के हिसाब से आढ़तियों ने अपनी दुकाने खोल दी है, ऐसे में माकपा नेता ने सवाल उठाए है। माकपा के जिला सचिव संयज चौहान ने कहा कि इन आढ़तियों में से लगभग 40 आढ़ती ऐसे है जिनके पास न तो लाइसैंस है और न ही ए.पी.एम.सी. को कोई बैंक गरंटी दी गई है। ऐसे आढ़ती पर प्रदेश सरकार व ए.पी.एम.सी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

सड़कों पर तरपाल व ढारे बनाए हुए आढ़तियों द्वारा सेब बागवानों को लुटा जा रहा है, जबकि प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन ने बागवानों को कहा है कि बिना लाइसैंस वाले आढ़तियों को सेब न बेचे। उन्होंने कहा कि बागवान किस-किस आढ़तियों के लाइसैंस चैक करते रहेगा। यह काम ए.पी.एम.सी का है। उन्होंने ए.पी.एम.सी व प्रदेश सरकार से मांग की है कि सडक़ों पर तरपाल व ढारे में बैठे आढ़तियों के लाइसैंस चैक करें व उन पर उचित कार्रवाई करें, ताकि प्रदेश का सेब बागवान लुटने से बच सके। संजय चौहान ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण आढ़तियों और लदानियों की मिलीभगत से बागवानों का पिछले कई साल से शोषण हो रहा है।

बागवानों को आज दिन तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ए.पी.एम.सी के मुताबिक सेब की पेटियों को आढ़तियों व लदानियों द्वारा गोल रेट में ही खरीदना होता है। यदि कोई आढ़ती व लदानी गोल रेट में सेब नहीं खरीदता तो उसके खिलाफ ए.पी.एम.सी. कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताया है कि यदि आढ़तियों द्वारा की जा रही खुली लुट बंद न हुई तो बागवान सडक़ों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे, जिसके लिए प्रदेश सरकार स्वयं जिम्मेवार है।

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