कालका-शिमला हैरिटेज ट्रैक पर दाैड़ा स्टीम इंजन, शिमला के 30 छात्रों ने उठाया सफर का आनंद

Friday, Feb 15, 2019 - 03:33 PM (IST)

शिमला (राजीव): शुक्रवार को रेलवे विभाग द्वारा शताब्दी पुराना स्टीम इंजन हैरिटेज ट्रैक पर शिमला से कैथलीघाट तक चलाया गया। इस दौरान स्टीम इंजन के साथ 2 कोच लगाए गए, जिनमें  शिमला के सरकारी और निजी स्कूलों के 30 छात्रों ने सफर का आनंद उठाया। रेलवे के अधिकारियों ने छात्रों को जानकारी देने के साथ कालका-शिमला हैरिटेज ट्रैक के बारे में भी बताया। स्टीम इंजन में सफर के लिए छात्र काफी उत्साहित दिखे। छात्रों का कहना है कि अब तक उन्होंने स्टीम इंजन के बारे में सुना था लेकिन कभी इसमे सफर करने का मौका नहीं मिला था और शुक्रवार उन्होंने इस स्टीम इंजन के बारे में जानने के साथ सफर का आनंद भी उठाया।

वर्ष 1906 में अंग्रेजों ने चलाया था स्टीम इंजन

बता दें कि रेलवे की ये कोशिश स्कूली छात्रों को शिमला-कालका हैरिटेज ट्रैक के ऐतिहासिक महत्व से अवगत करवाना और उन्हें इतिहास को संजोने के लिए प्रेरित करने के लिए की जा रही है। स्टीम इंजन रेलवे की धरोहर है जो वर्षों पुरानी है। कालका-शिमला ट्रैक पर स्टीम इंजन वर्ष 1906 में अंग्रेजों ने चलाया था। 1971 तक भाप इंजन ट्रैक पर दौड़ता रहा। 1971 में सर्विस करने के बाद इस इंजन को ट्रैक पर चलाना बंद कर दिया गया। 2001 में इस इंजन की मुरम्मत करवाई गई, जिसके बाद अब इसे ट्रैक पर चलाया जाता है।

क्या कहते हैं शिमला रेलवे स्टेशन के मास्टर

शिमला रेलवे स्टेशन मास्टर प्रिंस सेठी का कहना है कि मंथ लॉन्ग हैरिटेज इवैंट्स के तहत अम्बाला डिवीजन द्वारा स्टीम इंजन चलाया जा रहा है, जिसमें शिमला शहर के स्कूलों के 30 छात्रों को इसमें सफर करवाया जा रहा है और छात्रों को कालका-शिमला हैरिटेज के बारे में जहां बताया जा रहा है वहीं स्टीम इंजन के महत्व को भी बताया जा रहा है।

Vijay