मंडी में 3 मासूमों को सरकारी मदद का इंतजार, पहले मां फिर पिता ने छोड़ा संसार(VIdeo)

Saturday, Jan 19, 2019 - 12:24 PM (IST)

मंडी(नीरज) : 6 वर्ष पहले मां ने दुनिया छोड़ी और 9 महीने पहले पिता भी दुनिया से रूखसत हो गए। दोनों के चले जाने से तीन मासूम इस दुनिया में अनाथ हो गए। यह दर्दभरी कहानी है उन तीन मासूमों की जिन्हें न तो मां का प्यार मिल पाया और न पिता का दुलार। मंडी जिला के करसोग उपमंडल की पांगणा उपतहसील की सोरता पंचायत के खनेयोग गांव में यह तीनों मासूम अपने गरीब ताया के पास जिंदगी काट रहे हैं। 12 वर्षीय निर्मला, 9 वर्षीय अर्चना और 5 वर्षीय नरेंद्र इस छोटी सी उम्र में अनाथ हो गए हैं। सितंबर 2012 में माता लता देवी की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई और मार्च 2018 में पिता जीत सिंह भी बीमारी के कारण चल बसे।

सरकार की बाल-बालिका सुरक्षा योजना

अब ऐसे में इन मासूमों के पालन पोषण का जिम्मा इनके गरीब ताया लोकपाल ने संभाल रखा है। लोकपाल बीपीएल परिवारों की सूची में आता है। खुद के चार बेटे हैं, पत्नी है और एक बुजुर्ग मां है। साथ में दिवंग्त भाई के तीन बच्चों की जिम्मेवारी भी लोकपाल के कंधों पर ही आ गई है।लोकपाल को 6 महीने पहले सरकार की बाल-बालिका सुरक्षा योजना के बारे में पता चला तो उन्होंने सीडीपीओ करसोग के पास इसके लिए आवेदन किया। इस योजना के तहत यदि कोई रिश्तेदार ऐसे बच्चों का पालन-पोषण करता है तो उसे हर महीने सरकारी मदद दी जाती है। साथ ही बच्चों की परवरिश के लिए सरकार अलग से सहायता भी मुहैया करवाती है।

इस कार्य में तेजी लाने की गुहार लगाई

आवेदन को 6 महीने हो जाने के बाद भी लोकपाल को विभाग की तरफ से कोई जबाव नहीं आया। लोकपाल और उसके बेटे पंकज कुमार ने बताया कि आवेदन पर यदि सरकार और विभाग ततपरता दिखाए और जल्द राहत मिले तो बच्चों का सही ढंग से पालन पोषण करने में मदद मिल सकती है। इन्होंने सरकार से इस कार्य में तेजी लाने की गुहार लगाई है। वहीं जब लोकपाल के आवेदन को लेकर जिला बाल संरक्षण अधिकारी से संपर्क साधा गया तो मालूम हुआ कि आवेदन के साथ लगने वाले कुछ जरूरी दस्तावेज जमा नहीं करवाए गए हैं जिस कारण यह मामला अभी तक लंबित है।

बच्चों को जल्द से जल्द मिलेगा लाभ

जिला बाल संरक्षण अधिकारी डीआर नायक ने बताया कि विभाग के कर्मचारियों को संबंधित दस्तावेज जल्दी जमा करवाने को कहा गया है ताकि इन बच्चों को जल्द से जल्द लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने बताया कि दस्तावेज मिलते ही यह लाभ देना शुरू कर दिया जाएगा। जब तक सरकारी मदद नहीं मिलती तब तक समाजसेवी संस्थाएं भी इन बच्चों की मदद के लिए आगे आ सकती हैं। क्योंकि लोकपाल इस वक्त गरीबी की हालत में इन बच्चों का पालन पोषण कर रहा है और ऐसे में उसे जिस किसी से भी मदद मिलती है उसके लिए वह अमूल्य होगी।

kirti