हिमाचल में बार-बार सैंपल फेल होने पर सरकार ने 3 दवा कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट

Tuesday, Feb 11, 2020 - 10:11 AM (IST)

 

शिमला : एशिया के प्रमुख फार्मा हब हिमाचल प्रदेश में बनने वाली कुछ दवा कंपनियों के सैंपल बार-बार सैंपल फेल होने पर राज्य सरकार हरकत में आ गई है। सरकारी दवा खरीद प्रक्रिया से 3 दवा कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। यानि फरवरी में सरकारी स्तर पर दवा खरीद के लिए जो नया रेट कांट्रैक्ट किया जाना है, उसमें ये कंपनियां अब हिस्सा नहीं ले पाएंगी। सरकार ने दवा खरीद प्रक्रिया के लिए एक नई शर्त भी लगाई है, जिसमें दवा कंपनी का डब्ल्यू.एच.ओ. व जी.एम.पी. की शर्त को पूरा करना होगा।

इस तरह दवा उत्पादन में जुटी जिन कंपनियों की गुणवत्ता जांच में डब्ल्यू.एच.ओ. और जी.एम.पी. प्रक्रिया को अपनाया जाएगा, उनसे ही दवाओं की खरीद होगी। जो कंपनियां इस प्रक्रिया से निकलेंगी, उनकी गुणवत्ता तय मानकों के अनुसार होने का दावा किया गया है। सरकार की तरफ से नई दवाओं की खरीद के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निविदाओं को आमंत्रित कर दिया गया है, जिसके आधार पर फरवरी में दवाओं की खरीद की जानी है। इसमें करीब 450 किस्म की दवाओं को खरीदा जाएगा। इस सूची में भी करीब 120 अतिरिक्त दवाओं को शामिल किया गया है। इससे पहले करीब 330 किस्म की दवाएं ही खरीद की सूची में शामिल की गई थीं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बीते 1 साल के दौरान करीब 90 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।

दवाओं के सैंपल फेल होने से प्रदेश में बनने वाली दवाओं को लेकर भी गलत संदेश देश और बाहरी देशों में जा रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने ऐसी 3 दवा कंपनियों को सरकारी दवा खरीद से ब्लैकलिस्ट कर दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की देखभाल करना है। इसके लिए सरकारी दवा खरीद प्रक्रिया में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही आयुष्मान और हिमकेयर योजना के तहत वित्त वर्ष के अंत तक 120 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

kirti