आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, GST में धोखाधड़ी पर 2 उद्योगों को 15.97 करोड़ का जुर्माना

punjabkesari.in Monday, Mar 08, 2021 - 12:00 AM (IST)

डमटाल (सिमरन): जीएसटी में धोखाधड़ी करने के आरोप में आबकारी विभाग ने डमटाल के एक निजी उद्योग पर 9 करोड़ 86 लाख का जुर्माना किया है। वहीं डमटाल के एक अन्य उद्योग पर भी कार्रवाई करते हुए विभाग ने 6 करोड़ 11 लाख रुपए के जुर्माने का नोटिस जारी किया। डमटाल में एल्यूमिनियम की शीट्स बनाने वाले उद्योग को विभाग द्वारा 986 करोड़ का जुर्माना किया गया है। सहायक आयुक्त राज्य कर व आबकारी विभाग डमटाल बाबू राम ने बताया कि डमटाल में एल्यूमिनियम की शीट्स के रोल बनाने वाली कंपनी, जिसने जब से जीएसटी की शुरूआत हुई, तब से लेकर आज दिन तक यह कंपनी अपना कर आईटीसी से कर रही है। कर के रूप में कंपनी द्वारा आज दिन तक कोई भी नकदी जमा नहीं करवाई गई। विभाग को कंपनी पर शक था कि कंपनी फ र्जी तरीके से आईटीसी इकट्ठा कर टैक्स देने से बच रही है।

डायरैक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटैलीजैंस से भी एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें दिल्ली में स्थित एक फ र्जी कंपनी द्वारा डमटाल स्थित इस कंपनी को बिना माल के बिल सप्लाई किया गया था, जिसकी जांच के लिए आबकारी विभाग को डायरैक्टर जीएसटी से निर्देश जारी हुए थे। जिस पर कार्रवाई करते हुए सहायक आयुक्त डमटाल बाबू राम नेगी के नेतृत्व में निरीक्षण दल का गठन किया गया, जिसमें (एएसटीईओ) राकेश कुमार, बलदेव ठाकुर, जय प्रकाश व सुशील कुमार की टीम ने सहायक आयुक्त के नेतृत्व में कंपनी में दिनांक 29/12/2020 को दबिश दी और औचक निरीक्षण किया। कार्रवाई के दौरान जुलाई 2017 से लेकर दिसम्बर 2020 तक खरीद से संबंधित सारे दस्तावेजों को विभाग ने अपने कब्जे में लिया।

उन्होंने बताया कि जब्त किए गए दस्तावेजों की छानबीन करने के पश्चात पता चला कि डमटाल में स्थित इस कंपनी ने दिल्ली स्थित किसी कंपनी से वर्ष 2107-18 के दौरान 19 करोड़ 10 लाख 95 हजार 769 रुपए का कच्चा माल खरीदा था, जिस पर करीब 2 करोड़ 91 लाख 50 हजार 199 रुपए का आईटीसी का लाभ भी ले लिया, लेकिन कंपनी द्वारा खरीदा गया यह कच्चा माल वास्तव में कंपनी में कभी आया ही नहीं, सिर्फ  आईटीसी प्राप्त करने के लिए बिल काटे गए थे। वहीं दूसरी तरफ इस कंपनी ने डमटाल में ही एक फ र्जी कंपनी का गठन किया, जिससे फ र्जी तरीके से वर्ष 2018-19 से दिसम्बर 2020 तक 44 लाख 35 हजार 483 रुपए का आईटीसी लिया गया। जांच के बाद इस तरह के साक्ष्य सामने आने पर कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और कंपनी के क्रैडिट लेजर को भी ब्लॉक कर दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी ने फरवरी माह में टैक्स के रूप में 43 लाख 7 हजार 612 रुपए जमा करवाए। इस कंपनी द्वारा बनाई गई फ र्जी कंपनी का जीएसटी नंबर रद्द कर दिया गया।

कंपनी ने 26/02/2021 को नोटिस का जवाब देते हुए अपना पक्ष रखा, जिसे सहायक आयुक्त बाबू राम नेगी ने खारिज करते हुए कंपनी पर 9 करोड़ 86 लाख 70 हजार 981 रुपए का जुर्माना लगाया और कंपनी को जुर्माने की राशि दिनांक 5/04/2021 तक जमा करने के आदेश जारी किए। इसी जांच की कड़ी में डमटाल स्थित दूसरी कंपनी पर भी आईटीसी का फ्रॉड करने पर 6 करोड़ 11 लाख रुपए का नोटिस भेजा गया है और इस कंपनी का भी क्रैडिट लेजर ब्लॉक कर दिया गया है, जिसके चलते कंपनी ने फ रवरी माह में जीएसटी के रूप में 79 लाख 81 हजार 44 रुपए नकद जमा करवाए। इस कंपनी द्वारा भी नोटिस के जवाब में अपना पक्ष रखा गया है, जिसकी जांच चल रही है। सभी तथ्यों की जांच करने पर कंपनी को जुर्माना भरने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

राजस्व कर व आबकारी विभाग के आयुक्त टीकम ठाकुर ने बताया कि कंपनी पर विभाग द्वारा जीएसटी फ्रॉड करने के आरोप में जुर्माना किया गया है। फर्जी कंपनी की ओर से फ र्जी बिलों की आड़ में करोड़ों रुपए के राजस्व को कंपनी चूना लगा रही थी। पकड़ में आने के बाद कंपनी को जुर्माना लगाया गया है।


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Content Writer

Vijay

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