11 साल बाद हत्थे चढ़ा उद्घोषित अपराधी वकील, जानिए क्या है मामला

Sunday, Apr 21, 2019 - 11:23 AM (IST)

शिमला (जस्टा): मारपीट के मामले में कोर्ट से उद्घोषित अपराधी वकील आखिर में पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। यह आरोपी वर्ष 2002 में प्रदेश विश्वविद्यालय में मारपीट के मामले में शामिल था। ऐसे में वर्ष 2008 में कोर्ट से इसे उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया था। अधिवक्ता पंकज को पुलिस ने कोर्ट काम्पलैक्स चक्कर से गिरफ्तार किया था। हालांकि अब कोर्ट से जमानत पर रिहा कर दिया है। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस को भी भनक तक नहीं लगी थी कि यह कोर्ट में सेवाएं दे रहा है। 11 साल के बाद ही पुलिस ने अधिवक्ता को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पंकज ने जो पता पुलिस को दिया था। उस पते पर वो रहता नहीं था। इसी वजह से पुलिस के सम्मन भी मिले नहीं। जब कोर्ट ने आरोपित को सही पता ढूंढ कर लाने के लिए पुलिस को कहा तो नया पता दिया।

इसी के बाद कोर्ट ने पंकज को पी.ओ. घोषित किया लेकिन पुलिस ने पी.ओ. को गिरफ्तार करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया परंतु अभी हाल ही में जिस व्यक्ति ने पंकज की जमानत उस समय ली थी उसी के साथ पंकज की पहचान करवाई और फिर गिरफ्तार किया गया। हालांकि अधिवक्ता को गिरफ्तार करने को लेकर शिमला बार एसोसिएशन उग्र हो गई है। बार एसोसिएशन का आरोप है कि यह अपराधी नहीं था। वहीं एक अन्य मामला ढली थाने मेें भी सामने आया है। यहां पर अधिवक्ता अमित शर्मा के साथ की गई मारपीट को लेकर वार एसोसिएशन ने रोष प्रकट किया है।

बार एसोसिएशन ने पूरा दिन काम रखा बंद

शिमला बार एसोसिएशन ने शनिवार को जिला कोर्ट चक्कर में पूरे दिन भर काम बंद किया। इस दौरान उन्होंने रोष प्रकट किया। बार एसोसिएशन के सचिव सर्वेश शर्मा ने बताया कि अधिवक्ता पंकज को पुलिस ने बेवजह गिरफ्तार किया है। पंकज का नाम तो जरूर था लेकिन उसके पिता का नाम सही नहीं पाया गया है। ऐसे में पुलिस ने उसे बेवजह गिरफ्तार किया। वहीं एक अन्य मामला मामला ढली थाने के तहत सामने आया है। यहां पर अमित शर्मा के साथ टैक्सियों वालों ने मारपीट की थी। बाद में पुलिस वालों ने अमित के खिलाफ ही मामला दर्ज करवाया। बार एसोसिएशन ने एस.एच.ओ. ढली और बालुगंज के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। बार एसोसिएशन का कहना है कि अगर एस.एच.ओ. सस्पैंड नहीं किए गए तो आंदोलन और तेज होगा।

Ekta