मंडी में 11 को होगी Mega Mock Drill, आपदा से निपटने के लिए लोगों को किया जाएगा जागरूक

Friday, Jul 05, 2019 - 12:02 PM (IST)

मंडी: भूकंप को लेकर अलर्ट करने के लिए 11 जुलाई को सुबह डी.सी. कार्यालय में सायरन बजने शुरू हों तो घबराएं नहीं। ध्यान रहे कि यह सचमुच की आपदा नहीं एक मॉक अभ्यास है, लेकिन भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील मंडी जिले में इस मॉक अभ्यास को बहुत गंभीरता से करने की तैयारी है। मैगा मॉक अभ्यास के जरिए जिला प्रशासन लोगों को तो शिक्षित करेगा ही, भूकंप आने की स्थिति में आपदा प्रबंधन की अपनी तैयारियों की समीक्षा और कमियों का विश्लेषण भी करेगा। डी.सी. ऋग्वेद ठाकुर ने वीरवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर मैगा मॉक अभ्यास के विभिन्न पक्षों की समीक्षा की। 

इस दौरान उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन योजना के सभी पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा यह मॉक अभ्यास वास्तविक आपात स्थिति की तरह ही किया जाएगा, जिससे जिला आपदा प्रबंधन योजना के अलावा विभागों की अपनी आपदा प्रबंधन योजना की भी समीक्षा होगी। इससे हमें अपनी कमियों का अंदाजा होगा, साथ ही तैयारियों में अंतर का भी पता चलेगा। वहीं यह भी साफ होगा कि आपदा की स्थिति में पड्डल मैदान में निर्धारित स्टेजिंग एरिया में पहुंचने में अधिकारियों-कर्मचारियों को कितना समय लगता है और कितनी जल्दी राहत-बचाव कार्य शुरू हो पाते हैं। बैठक में ए.डी.सी. आशुतोष गर्ग, ए.डी.एम. श्रवण मांटा, आर्मी से कर्नल एन.के. शर्मा व विभिन्न उपमंडलों के एस.डी.एम. सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

उपमंडल स्तर पर भी मॉक ड्रिल

आप घर में अथवा कार्यालय में हैं तो भूकंप आने पर बरती जाने वाली सावधानियों का अभ्यास करें। 11 जुलाई को सायरन सुनते ही किसी मेज या मजबूत फर्नीचर के नीचे झुकें। एक हाथ से सिर को कवर करें और दूसरे हाथ से फर्नीचर को पकड़े रखें। 5 मिनट के बाद इमारत से निकल कर खुले स्थल पर आएं।

शहर के 5 स्थानों पर होगी मॉक ड्रिल

मॉक अभ्यास के माध्यम से जिला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों व क्षमताओं का गहन आकलन एवं विश्लेषण किया जाएगा। इस दिन जिला मुख्यालय में 5 स्थलों, जिनमें जेल रोड स्थित लोक निर्माण विभाग कार्यालय, भूतनाथ गली, इंदिरा मार्कीट, डाईट मंडी और जोनल अस्पताल शामिल हैं लेकिन भूकंप से प्रतीकात्मक नुक्सान मानकर मॉक अभ्यास किया जाएगा, जिसमें सेना, अद्र्धसैन्य बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी केंद्रीय एजैंसियों के अलावा जिला के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी हिस्सा लेंगे।

Ekta